रांची
दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम अलकायदा के संदिग्ध शाहबाज अंसारी को शनिवार को दिल्ली ले गई। उससे पहले रांची में हुई पूछताछ में शाहबाज ने अलकायदा मॉड्यूल से जुड़ी कई अहम जानकारी दी। उसने बताया कि कम पढ़े-लिखे और मजदूर वर्ग के लोगों का ब्रेनवॉश कर अलकायदा में शामिल कराया जाता है। उसने कई संदिग्धों के नाम भी बताए हैं। एटीएस ऐसे लोगों की जानकारी जुटाने में लगी है।
बता दें कि शाहबाज की गिरफ्तारी शुक्रवार को लोहरदगा के सेन्हा में उसके रिश्तेदार के घर से की गई थी। फिलहाल वह 3 दिन की ट्रांजिट रिमांड पर है। पेशे से राजमिस्त्री शाहबाज ने बताया कि उसकी दोस्ती अपने ही गांव चान्हो निवासी एनामुल अंसारी से थी। एनामुल अलकायदा से जुड़ने के लिए तरह-तरह की बातें बता 6 माह तक उसका ब्रेनवॉश करता रहा। इसके बाद अगस्त 2024 में एनामुल उसे ट्रेन से दिल्ली फिर राजस्थान के भिवाड़ी स्थित ट्रेनिंग कैंप ले गया। वहां करीब एक दर्जन लोग ट्रेनिंग ले रहे थे। शाहबाज ने भी वहां 3 दिन आतंकी ट्रेनिंग ली। इसी दौरान 24 अगस्त 2024 को दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने कैंप में छापेमारी कर एनामुल समेत कई संदिग्धों को गिरफ्तार किया, पर वह भाग निकला।
शाहबाज ने एजेंसियों को भिवाड़ी में ट्रेनिंग देने वाले ट्रेनर का हुलिया भी बताया है। उसने जो हुलिया बताया है, उससे पुलिस को संदेह है कि ट्रेनर कोई भारतीय ही रहा होगा।
लातेहार में कर रहा था राजमिस्त्री का काम
झारखंड एटीएस से मिली जानकारी के अनुसार संदिग्ध शाहबाज अंसारी राजस्थान के भिवाड़ी ट्रेनिंग कैंप से भागने के बाद करीब 6 माह से लातेहार के महुआडांड़ में राजमिस्त्री का काम कर रहा था। फिलहाल वह किसी व्यक्ति का घर बना रहा था। पूछताछ में उसने बताया कि वहां काम पूरा करने के बाद वह लोहरदगा के सेन्हा पहुंचा था, जहां से पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।