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Budget Session 2022 : रिम्स में बढ़ती है भीड़ क्योंकि बीमार हैं राज्य के दूसरे अस्पताल: समरी लाल

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रांची: 

बीजेपी विधायक समरी लाल ने स्वास्थ्य विभाग के अनुदान मांग के कटौती प्रस्ताव पर सदन में कहा कि रिम्स में मरीजों की भीड़ बढ़ रही है। इसके 2 कारण हैं। पहली तो रिम्स की व्यवस्था ठीक है और डॉक्टर्स अच्छे हैं वहीं दूसरा कारण ये है कि आसपास के अस्पताल बीमार हैं। दूसरे जिलों से छोटे-मोटे इलाज और जांच के लिए सीधे वहां के सरकारी अस्पताल रिम्स रेफर कर देते हैं।

उन्होंने कहा कि दूसरे जिलों के सदर अस्पतालों में रेडियोलॉजी और पैथोलॉजी जांच की सुविधा उपलब्ध कराई जाए ताकी रिम्स पर बोझ कम हो।

संताल परगना में स्वास्थ्य व्यवस्था खस्ताहाल
जेएमएम विधायक सीता सोरेन ने स्वास्थ्य विभाग के अनुदान मांग के पक्ष में बोलते हुए कहा कि संथाल परगना में स्वास्थ्य के क्षेत्र में स्थिति पहले ही जैसी है। देवघर में एम्स बनाया गया, लेकिन वहां अबतक सिर्फ ओपीडी ही चालू हो पाया है। मरीज इलाज के लिए बाहर जाने के लिए मजबूर हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कई डॉक्टर्स सरकारी अस्पातालों में कम निजी प्रैक्टिस में ज्यादा व्यस्त हैं।


सरकार को इस तरफ ध्यान देने की जरूरत है।  वहीं खाद्य आपूर्ति विभाग के बजट पर उन्होंने कहा कि बजट में राशन कार्डधारियों को 1 किलो दाल दिये जाने की व्यवस्था ठीक है, लेकिन इसे बढ़ाकर किलोग्राम किया जाना चाहिए। तभी राज्य में कुपोषण का दर कम होगा।

लंबोदर महतो ने उठाया डॉक्टर्स की कमी का मामला
आजसू विधायक लंबोदर महतो ने कहा कि बोकारो जिले में 189 डॉक्टरों की जरूरत है, जबकि इनमें से 100 हैं ही नहीं। सिर्फ 78 डॉक्टरों के भरोसा जिले की चिकित्सा व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि झुमरा पहाड़ और चतरोचट्टी में पदस्थापित सरकारी डॉक्टर अपनी पोस्टिंग के बाद एक बार भी वहां नहीं गये। साड़म में 14 साल में पीएचसी का भवन बनकर तैयार नहीं हुआ है। पीएचसी करमार में 2 साल पहले जैसे-तैसे भवन तो तैयार हो गया, लेकिन न डॉक्टर की पोस्टिंग की गई है और न पारा मेडिकल स्टॉफ की।


वहीं सीएचसी कसमार में 7 डॉक्टरों का पद है, जिसमें से 5 खाली है। वहीं 2 डॉक्टरों में से एक ने सीएस कार्यालय में अपनी प्रतिनियुक्ति करवा ली है। उनकी प्रतिनियुक्ति को जल्द रद्द किया जाए।

आयुष्मान कार्ड का सही लाभ नहीं मिल पाया है
विधायक प्रदीप यादव ने कटौती प्रस्ताव के विपक्ष में बोलते हुए सरकार को कई नसीहतें भी दी। उन्होंने कहा कि पिछले 1 साल में कार्डियो के 466 मरीज वेल्लोर इलाज के लिए गये, लेकिन आयुष्मान कार्ड एक्सेप्ट नहीं होने के कारण उन्हें वापस लौटना पड़ा। उन्होंने कहा कि आयुष्मान कार्ड के तहत निजी अस्पतालों में इलाज के लिए गाइडलाइन होनी चाहिए।

वहीं खाद्य आपूर्ति विभाग पर उन्होंने कहा कि आज भी राशन कार्डधारियों को 5 किलो की जगह 4 या साढ़े 4 किलो ही अनाज दिया जा रहा है। डीलर कहता है कि उसे गोदाम से ही कम अनाज मिलता है। इस व्यवस्था को सरकार दुरुस्त करे।