रांची
बीजेपी ने झारखंड में "चुनावी आतंकवाद" की शुरुआत कर दी है और इसी के सहारे चुनावी वैतरणी पार करना चाहती है। बाबूलाल मरांडी पर पलट वार कर ये आरोप प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सोनाल शांति ने लगाया है। कहा कि जब-जब देश के किसी राज्य में चुनाव होता है बीजेपी इसी "चुनावी आतंकवाद" का प्रयोग रक्षात्मक हथियार के रूप में करती है। जिसमें धर्म, छल, प्रपंच, घुसपैठ, नफरती भाषण, धनबल, झूठा प्रोपेगेंडा, जांच एजेंसियों का दुरुपयोग का बारूदी मसाला भरा हुआ रहता है। बीजेपी हर चुनाव में इस शस्त्र का प्रयोग समाज को विभक्त कर दो धुरी में बांटने का प्रयास करती है ताकि इसका फायदा उठाया जा सके।
उन्होंने कहा कि विगत कई माह से बीजेपी महागठबंधन सरकार के कल्याणकारी योजनाओं के खिलाफ मुद्दों को योजनाबद्ध तरीके से फैलाने में लगी थी। लेकिन इसमें फेल होने पर सोशल मीडिया सहित अन्य माध्यमों से अपने एजेंडे को खाद पानी देकर उसे फैलाने की कोशिश बीजेपी नेता कर रहे हैं। बीजेपी ने अपने इस एजेंडे के लिए संथाल परगना क्षेत्र को मुफीद जगह माना है। यही कारण है कि चुनाव में जीत हासिल करने के लिए संथाल परगना को बीजेपी ने विशेष रूप से लक्ष्य बनाया है और वहां के मतदाताओं के बीच सामुदायिक विभेद पैदा करने की मुहिम चला रही है।
आदिवासी मुस्लिम के बीच घुसपैठ के मुद्दे पर जब हिमंता बिस्वा सरमा और बाबूलाल मरांडी को मुंह की खानी पड़ी तो अब महिला सम्मान के नाम पर महिलाओं को बरगलाने की जा रही है। बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे जब एक चुनी हुई महिला जनप्रतिनिधि के संबंध में नगरवधू जैसे शब्दों का प्रयोग करते हैं तब बाबूलाल मरांडी के मुंह से महिला सम्मान के लिए कोई आवाज नहीं निकलती। पूरे देश में बीजेपी शासित राज्य में महिला अत्याचारों के आंकड़ों से स्पष्ट है कि महिला आत्मसम्मान बीजेपी के लिए सिर्फ चुनावी मुद्दे हैं। महागठबंधन सरकार के एजेंडे में महिला सम्मान की रक्षा और आर्थिक सुदृढ़ीकरण प्राथमिकता है। मंईंयां सम्मान योजना से हतप्रभ बीजेपी महिलाओं को अपने पाले में करने के लिए कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी को मोहरा बना रही है।