द फॉलोअप टीम
बहरागोड़ा में हिमंता बिस्वा सरमा ने जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने हेमंत सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि झारखंड में अभी जेएमएम की सरकार है जो बांग्लादेश के घुसपैठिए को हर दिन राज्य में बसा रही है। ये घुसपैठिए राज्य की आदिवासी बेटियों से शादी करके उनके जमीनों को हड़पते हैं औऱ मुखिया बन जाते हैं। झारखंड में राजनीति घुसपैठिए लोगों के हाथ में जा रहा है, लेकिन जेएमएम सरकार घुसपैठिए के खिलाफ न कुछ बोलते हैं न करते है। उन्होंने कहा कि संथाल परगना में हजारों लाखों घुसपैठिए घुसकर वहां के सामाजिक वातावरण पूरी तरह से हिला कर रख दिया है।
हिमंता ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि झारखंड में भाजपा सरकार बनेगी तो बांग्लादेश से जितने मुसलमान आकर यहां बस रहे हैं, आदिवासियों के जमीनों पर कब्जा कर उनके हक अधिकारों को छीन रहे हैं, उनको कानून के रास्ते लात मारकर बाहर करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारा भारत घुसपैठियों के लिए नहीं है। यह राज्य घुसपैठियों के लिए नहीं है। उन्होंने कहा कि झारखंड में हिंदुओं और आदिवासियों की संख्या कम होती जा रही है। मामला झारखंड हाईकोर्ट में भी है। केंद्र सरकार ने हलफनामा दाखिल किया कि घुसपैठिए मदरसा में आ रहे हैं, वहां घुसपैठियों का आधारकार्ड बनाया जाता है। इस तरह ही घुसपैठिए झारखंड में आकर बस जाते हैं। लेकिन वर्तमान जेएमएम-कांग्रेस की सरकार घुसपैठ मुद्दे पर कुछ नहीं बोलती है।
वादाखिलाफी को लेकर हेमंत सरकार पर कहा कि जेएमएम ने 2019 में वादा किया था कि युवाओं को पांच लाख नौकरी देंगे। किसी युवा को नौकरी नहीं मिली। उन्होंने कहा कि किसी युवा को नौकरी नहीं मिलता है तो उसकी मां शांत रह सकती है क्या? लेकिन हेमंत सरकार में तो सीजीएल परीक्षा के पेपर को 20 लाख 30 लाख रुपए में बेच दिया जाता है। उन्होंने कहा कि एक मां अपने बेटा बेटी को नौकरी करते देखना चाहती हैं। एक मां को 1000 रुपया दो या नहीं उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है। उन्होंने कहा कि युवाओं ने पांच सालों तक जेएमएम-कांग्रेस की सरकार से नौकरी देने मांगी, लेकिन हेमंत सोरेन ने किसी को नौकरी नहीं दी, अगर थोड़ा बहुत 100-200 नौकरी दी भी तो 50 लाख रुपए रिश्वत लेकर नौकरी दिया है।