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राजनीति से जबरिया रिटायर किये गए BJP सांसद गौतम गंभीर और जयंत सिन्हा! इस वजह से उठे सवाल

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द फॉलोअप डेस्क, रांची:

लोकसभा चुनाव का ऐलान कभी भी हो सकता है। केंद्र में सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की मीटिंग दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में हुई। शुक्रवार को तड़के तक चली मीटिंग के बाद तकरीबन 180 उम्मीदवारों की सूची तय की जा चुकी है। सूत्रों के हवाले से कहा यह भी जा रहा है कि पहले चरण में तकरीबन 60 मौजूदा सांसदों का टिकट काटा गया है। किनको मौका मिलेगा और किनका टिकट काट दिया गया है, फिलहाल इसका आधिकारिक ऐलान होना बाकी है लेकिन शनिवार को ट्विटर (एक्स) पर कुछ मौजूदा सांसदों का ट्वीट इस बात का संकेत दे रहा है कि बीजेपी के अंदरखाने क्या चल रहा है? ये ट्वीट्स हैं पूर्वी दिल्ली से लोकसभा सांसद गौतम गंभीर और झारखंड के हजारीबाग से सांसद जयंत सिन्हा के। दोनों के ट्वीट की जो भाषा और क्रम है, उससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि वे कहना क्या चाहते हैं? 

गौतम गंभीर ने क्रिकेट प्रतिबद्धताओं का दिया हवाला
दरअसल, क्रिकेट से राजनीति में आये गौतम गंभीर और पूर्व आईएएस अधिकारी, पूर्व बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री रहे यशवंत सिन्हा के सांसद पुत्र जयंत सिन्हा ने शनिवार को चुनावी राजनीति से संन्यास का ऐलान किया है। जयंत सिन्हा को वैश्विक जलवायु परिवर्तन से निपटने के प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करना है तो वहीं गौतम गंभीर को अपने क्रिकेट संबंधी प्रतिबद्धताओं को पूरा करना है। दोनों ने अपने-अपने ट्वीट में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को इंगित किया है और दायित्वों से मुक्त करने की अपील की है। दोनों ही ट्वीट की भाषा का लय और ताल समान है। दोनों ने ट्वीट्स में क्या लिखा है वह भी विस्तार से जानते हैं। 

वैश्विक जलवायु परिवर्तन संकट पर काम करेंगे जयंत सिन्हा
हजारीबाग सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने लिखा "मैंने माननीय पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से अनुरोध किया है मुझे मेरे प्रत्यक्ष चुनावी कर्तव्यों से मुक्त करें ताकि मैं भारत और दुनिया भर में वैश्विक जलवायु परिवर्तन से निपटने पर अपने प्रयासों पर ध्यान केंद्रित कर सकूं। बेशक, मैं आर्थिक और शासन संबंधी मुद्दों पर पार्टी के साथ काम करना जारी रखूंगा। मुझे पिछले दस वर्षों से भारत और हज़ारीबाग़ के लोगों की सेवा करने का सौभाग्य मिला है। इसके अलावा, मुझे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में द्वारा प्रदान किए गए कई अवसरों का भी आशीर्वाद मिला है।"

गौतम गंभीर ने ट्वीट में लिखा है कि मैंने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से अनुरोध किया है कि मुझे मेरे राजनीतिक कर्तव्यों से मुक्त करें ताकि मैं आगामी क्रिकेट प्रतिबद्धताओं पर ध्यान केंद्रित कर सकूं। मैं प्रधानमंत्री और गृहमंत्री का शुक्रिया अदा करता हूं कि मुझे लोगों की सेवा करने का मौका मिला।  

गौतम गंभीर  और जयंत सिन्हा के ट्वीट की भाषा समान
जयंत सिन्हा और गौतम गंभीर के ट्वीट से ऐसा लगता है कि दोनो ने स्वेच्छा से राजनीति नहीं छोड़ी बल्कि उनको ऐसा करने के लिए बाध्य किया गया है। केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद जिन 60 मौजूदा सांसदों के टिकट कटने की बात कही जा रही है उनमें यह दोनों भी शामिल हो सकते हैं। सियासी गलियारों में चर्चा है कि शीर्ष नेतृत्व ने उनको इस्तीफा देने के लिए कहा है ताकि टिकट कटने की बात से व्यक्तिगत और पार्टी की फजीहत न हो। ऐसा इसलिए भी कहा जा रहा है क्योंकि शनिवार को राजनीति से संन्यास से ऐलान से पहले दोनों ही नेता पार्टी में काफी एक्टिव थे और बतौर राजनेता सामाजिक दायित्वों का निर्वहन कर रहे थे। सवाल है कि महज 17 घंटे में ऐसा क्या हुआ कि उन्होंने राजनीति से संन्यास का ऐलान किया। 

महज 16 घंटे पहले राजनीतिक प्रतिबद्धता निभा रहे थे दोनों
गौतम गंभीर विकसित भारत के निर्माण के लिए नमो एप पर चंदा इकट्ठा कर रहे थे। उन्होंने ट्वीट कर बताया था कि उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को नेशनल बिल्डिंग के लिए चंदा दिया है और लोगों से भी अपील की कि वे अपने सामर्थ्य के हिसाब से पीएम को योगदान दें। वहीं, जयंत सिन्हा तकरीबन 16 घंटे पहले आईएआरआई हजारीबाग में कृषि गोष्ठी में शामिल हुए थे। कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि एवं जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा और केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी भी शामिल हुई थीं। 

कयास लगाये जा रहे हैं कि देर शाम तक और आने वाले एक-दो दिनों में बीजेपी के और भी मौजूदा सांसदों के ऐसे ट्वीट सामने आयेंगे जिसमें वे राजनीति छोड़ने का ऐलान करेंगे।