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समरीलाल को हाईकोर्ट से बड़ी राहत, राज्य जाति छानबीन समिति के आदेश को किया रद्द

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डेस्क: 
कांके विधायक समरीलाल (Samrilal) को झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand Highcourt) से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने राज्य छानबीन समिति द्वारा समरी लाल के जाति प्रमाण पत्र को रद्द करने के मामले को गलत ठहराया है। साथ ही समिति द्वारा समरी लाल के जाति प्रमाण पत्र को खारिज किए जाने के आदेश को भी रद्द किया है। मामले की सुनवाई न्यायमूति राजेश शंकर के कोर्ट में हुई।


10 जनवरी को फैसले को रखा सुरक्षित
कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि सरकार द्वारा कमेटी बनाकर नियम अनुसार समरीलाल के जाति प्रमाण पत्र की जांच करा सकती है। 10 जनवरी को मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। 10 जनवरी को समरी लाल की ओर से कहा गया कि कोर्ट के समक्ष जो दस्तावेज प्रस्तुत किए गए हैं। उसके अनुसार झारखंड के स्थाई निवासी हैं। उनके दादा 1928 में झारखंड आए थे। यह सर्किल इंस्पेक्टर की रिपोर्ट में भी बताया गया है। राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि झारखंड में रहने का कोई दस्तावेज भी अभिलेख नहीं है।


हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी
समरीलाल की ओर से उनके जाति प्रमाण पत्र निरस्त किए जाने को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। इसमें कहा गया था कि वह झारखंड के मूल निवासी हैं। लोकल इंक्वायरी के तहत जाति प्रमाण पत्र निर्गत किया गया है। जो प्रमाण पत्र वेरिफिकेशन और इंक्वायरी के तहत निरगत की जाती है। उस पर सवाल नहीं उठाया जा सकता ऐसा सुप्रीम कोर्ट के कई आदेशों में कहा गया है। जाति प्रमाण पत्र रद्द करने का अधिकार जाति छानबीन समिति को नहीं है।