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Ranchi : नाबालिग जनजातीय बच्चों को ह्यूमन ट्रैफिकिंग से बचाने के लिए फर्जी कंसल्टेंसी पर लगी रोक- शशांक राज

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रांची: 

बुधवार को भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य शशांक राज एवं युवा मोर्चा प्रदेश महामंत्री रूपेश सिन्हा ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो से औपचारिक मुलाकात करते हुए उन्हे  झारखंड राज्य से नाबालिग बच्चों से संबंधित बाल ट्रैफिकिंग(तस्करी) की समस्या से अवगत  कराते इसकी रोकथाम से संबंधित नियमावली बनाने की बात कही। 

बड़ी संख्या में होती है नाबालिग बच्चों की तस्करी
 शशांक राज़ ने कहा कि झारखंड से हर वर्ष बड़ी संख्या में नाबालिग बच्चों की ट्रैफिकिंग करके गुप्त तरीके से दिल्ली ले जाया जाता है। उनको अवैध कार्यों में संलग्न किया जाता है। इससे ना केवल प्रदेश के बच्चों के अधिकारों का हनन होता है बल्कि अवैध गतिविधियों के लिए नाबालिग बच्चों का इस्तेमाल होने से उनका जीवन भी संकट ग्रस्त हो जाता है।  इस समस्या के समाधान के लिए दिल्ली जैसे बड़े शहरों में रेस्क्यू किए गए बच्चों के पुनर्वास के स्थाई समाधान के लिए दिल्ली प्रदेश में कोई भी रेगुलेशन(नियमावली) नहीं है जिससे कि बच्चों को स्थाई तौर पर संरक्षण दिया जा सके। 

झारखंड में विकराल हुआ मानव तस्करी की समस्या
शशांक राज ने मांग की कि प्रदेश में बाल तस्करी एक विकराल रूप ले चुका है। इस समस्या के समाधान हेतु दिल्ली प्रदेश सरकार को निर्देशित किया जाए जिससे कि कोई ऐसी व्यवस्था कायम की जा सके। इस समस्या का स्थायी समाधान निकाला जा सके और झारखंड प्रदेश के बच्चों को तस्करों से बचाया जा सके। 

लोक-लुभावन वादा करके आदिवासियों का शोषण
प्रत्युत्तर मे कानूनगो ने इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए कहा कि आदिवासी बच्चियों को लोक लुभावन वादे कर के उनका लगातार शोषण किया जा रहा है। ऐसी संस्थायें जो छात्राओं मे भ्रम फैलाकर उनका दुरुपयोग कर रही हैं , उनको अविलंब बंद करने का निर्देश राज्य सरकार को दिया जाएगा। साथ ही ज़रूरत पड़ने पर  छापेमारी के माध्यम से ऐसी संस्था को बंद कर के उनपर क़ानूनी कार्यवाही की जाएगी।