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कल मनाई जाएगी बकरीद: जानिए इंसानियत के लिए क्यों है यह त्योहार बेहद खास

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रांची 

बकरीद, जिसे ईद-उल-अजहा  या कुर्बानी की ईद के नाम से भी जाना जाता है,  कल यानी शनिवार 7 जून को मनाई जायेगी। इस्लाम धर्म के सबसे पवित्र त्योहारों में गिनी जाती है। यह त्योहार केवल धार्मिक रस्मों का पालन नहीं, बल्कि त्याग, सच्चाई और इंसानियत के गहरे संदेश का प्रतीक है। इस्लामी परंपरा के अनुसार, बकरीद उस ऐतिहासिक घटना की याद में मनाई जाती है जब पैगंबर इब्राहीम ने अल्लाह की आज्ञा मानते हुए अपने पुत्र इस्माईल की कुर्बानी देने का निश्चय किया था। उनका यह समर्पण देखकर अल्लाह ने उन्हें एक भेड़ भेजकर इस्माईल की जान बचा ली। यह कथा सिखाती है कि सच्ची आस्था और निस्वार्थ समर्पण ही भक्ति का सार है।


इस साल कब है बकरीद?
चूंकि इस्लामी कैलेंडर चंद्रमा की स्थिति पर आधारित होता है, इसलिए बकरीद की तारीख हर साल बदलती रहती है। इस बार सऊदी अरब में 27 मई को जिल-हिज्जा का चांद दिखा, जिसके अनुसार वहां 6 जून को बकरीद मनाई जा रही है। भारत में यह पर्व 7 जून, शनिवार को मनाया जाएगा। यह दिन हज यात्रा के समापन और इस्लामी महीने जिल-हिज्जा की 10वीं तारीख के साथ जुड़ा होता है।


इंसानियत का पैगाम
बकरीद का मूल संदेश केवल कुर्बानी तक सीमित नहीं है। यह पर्व हमें यह भी सिखाता है कि दूसरों की भलाई के लिए अपने स्वार्थ का त्याग करना और कठिनाइयों में भी सत्य और मानवता के मार्ग पर चलना ही असली धर्म है। बकरीद इंसानियत और निस्वार्थता का उत्सव है—एक ऐसा मौका जब हम न सिर्फ अपने भीतर के विश्वास को मजबूत करते हैं, बल्कि समाज के जरूरतमंदों की मदद करके इस विश्वास को व्यवहार में भी लाते हैं।

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