रांची:
झारखंड में जारी सियासी संग्राम के बीच पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने नया शिगूफा छेड़ा है। उन्होंने एक ट्वीट किया। लिखा है कि "चर्चा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी को भ्रष्टाचार से उत्पन्न संकट से कुछ दिनों तक जीवन दान दिलाने की कानूनी सहायता के बदले एक बाहरी नामी व्यक्ति ने राज्यसभा सीट की मांग कर दी है"।
चर्चा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी को भ्रष्टाचार से उत्पन्न संकट से कुछ दिनों तक जीवन दान दिलाने की क़ानूनी सहायता के बदले एक बाहरी नामी व्यक्ति ने राज्य सभा सीट की माँग कर दी है।
— Babulal Marandi (@yourBabulal) May 10, 2022
आयोग की नोटिस पर मांगा वक्त
गौरतलब है कि खनन पट्टा लीज मामले में केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को नोटिस जारी किया है। नोटिस का जवाब देने की आखिरी तारीख 10 मई थी, जिसकी मियाद खत्म हो चुकी है। सूचना है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आयोग से जवाब दाखिल करने के लिए अतिरिक्त 30 दिन का वक्त मांगा है। इसके लिए मुख्यमंत्री ने मां की खराब तबीयत का हवाला दिया है। इस बीच चर्चा ये भी है कि मुख्यमंत्री दरअसल, कानून और संविधान विशेषज्ञों से सलाह-मशविरा करना चाहते हैं। दिल्ली में उनकी लीगल टीम नोटिस का अध्ययन कर रही है। इसलिए वक्त मांगा गया है।
बाबूलाल मरांडी का इशारा किस तरफ
चर्चा है कि मुख्यमंत्री को जारी नोटिस को लेकर सीएम हेमंत सोरेन की लीगल टीम सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी के साथ-साथ एक वरिष्ठ और अनुभवी कानून विशेषज्ञ से राय-मशविरा कर रही है। हो सकता है कि बाबूलाल मरांडी का इशारा इसी तरफ हो।
गठबंधन सरकार पर बीजेपी का हमला
दरअसल, मुख्यमंत्री से जुड़े खनन पट्टा लीज मामले को लेकर बीजेपी गठबंधन सरकार पर लगातार हमला बोल रही है। ईडी की कार्रवाई को लेकर भी मुख्यमंत्री निशाने पर हैं। हालांकि, मंगलवार को आयोजित झामुमो और कांग्रेस की एक संयुक्त प्रेस वार्ता में विधायक सुदिव्य कुमार सोनू और इरफान अंसारी ने आरोपों को बेबुनियाद बताया। कहा कि बीजेपी अनर्गल बयानबाजी कर रही है।