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झारखंड में पांचों आदिवासी सीटों पर BJP की हार पर क्या बोले बाबूलाल मरांडी

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द फॉलोअप डेस्क, रांची:

झारखंड में 18वीं लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी को 3 सीटों का नुकसान हुआ। बीजेपी पांचों आदिवासी आरक्षित सीटों पर चुनाव हार गई। प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष ने कारण पूछे जाने पर कहा कि पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से आरंभिक बातचीत में यही लगा है कि विपक्ष ने संविधान और आरक्षण को लेकर जिस प्रकार का दुष्प्रचार किया, उसने झारखंड में कमजोर वर्गों जैसे कि दलित, आदिवासी और गरीबों को प्रभावित किया। हम उन्हें विपक्ष की साजिश के बारे में समझा पाने में सफल नहीं रहे। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि माइक्रो लेवल पर आदिवासी सीटों पर हार की समीक्षा की जायेगी। इसके लिए कार्यकर्ताओं से बात करेंगे।

 

9 सीटों पर जीत भी बड़ी बात है!
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हम प्रदेश में 5 सीट हारे तो 9 लोकसभा सीटों पर जीत भी हासिल की है। यह आंकड़ा भी कम नहीं है। जो सीटें गंवाई उसकी भरपाई अगली बार कर लेंगे। उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के साथ संवाद करेंगे और समीक्षा करेंगे कि कहां चूक हुई? कहां हमसे गलती हो गई। क्या कमी रह गई उसे भविष्य में ठीक करने का प्रयास करेंगे। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि आदिवासी सीटों पर हार की वजह मैं क्या मानता हूं, ये महत्वपूर्ण नहीं है। कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों का फीडबैक अहम है। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि अभी कुछ भी कहना जल्दीबाजी होगी। 

संविधान-आरक्षण पर दुष्प्रचार हुआ!
कहा जा रहा है कि हेमंत सोरेन के जेल जाने से आदिवासियों में उनके प्रति सहानुभूति की लहर पैदा हुई। उनमें आक्रोश था और यही वजह है कि बीजेपी को उन सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हेमंत सोरेन भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में हैं। वे तो ऐसा कहेंगे ही। उनके पास चारा ही क्या है? बाबूलाल मरांडी ने कहा कि ये वजह नहीं है। वास्तविक कारणों की समीक्षा करेंगे। 

पांचों आदिवासी सीट हार गई बीजेपी
गौरतलब है कि झारखंड में भारतीय जनता पार्टी ने लोहरदगा, सिंहभूम, खूंटी, दुमका और राजमहल के रूप में 5 सीटें गंवाई। इनमें से दुमका, लोहरदगा और खूंटी में बीजेपी ने 2019 में जीत हासिल की थी। बीजेपी ने इस बार सिंहभूम और राजमहल सीट पर खास फोकस किया था लेकिन यहां फिर हार गई। लोहरदगा और दुमका में प्रत्याशी बदलना काम नहीं आया। लोहरदगा में समीर उरांव कांग्रेस के सुखदेव भगत से हारे। दुमका में नलिन सोरेन से सीता सोरेन हार गईं। चाईबासा में निवर्तमान सांसद को अपने पाले में लाने का दांव भी सफल नहीं हुआ। उन्हें झामुमो की जोबा मांझी ने 1.6 लाख वोट से ज्यादा अंतर से हराया। खूंटी में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा 1.49 लाख वोट के अंतर से हारे। राजमहल में ताला मरांडी की हार हो गई। 

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