द फॉलोअप डेस्क, रांची:
शुक्रवार को वेतन वृद्धि और स्थायीकरण सहित 8 सूत्री मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे सहायक पुलिसकर्मियों पर लाठीचार्ज से झारखंड की सियासत गरमा गई है। विपक्ष ने इसे हेमंत सोरेन सरकार की दमनकारी नीति करार दिया है। इस बीच देर शाम प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी मोरहाबादी मैदान पहुंचे। उन्होंने लाठीचार्ज में घायल सहायक पुलिसकर्मियों से मुलाकात की। उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली। बाबूलाल मरांडी ने आश्वासन दिया है कि जब हमारी सरकार बनेगी तो सहायक शब्द को हमेशा के लिए हटा दिया जायेगा। गौरतलब है कि 2017 में बीजेपी सरकार के कार्यकाल में ही झारखंड के 12 नक्सल प्रभावित जिलों में सहायक पुलिसकर्मियों की नियुक्ति की गई थी। तब मानदेय 10 हजार था।
मीटिंग में सरकार ने दिया ये ऑफर
गौरतलब है कि पिछले लंबे समय से मानदेय वृद्धि औऱ स्थायीकरण सहित अन्य मांगों को लेकर सहायक पुलिसकर्मी मोरहाबादी मैदान में आंदोलन कर रहे हैं। शुकवार को एक प्रतिनिधिमंडल डीजीपी अजय कुमार सिंह की अध्यक्षता वाले पदाधिकारियों के समूह से वार्ता करने गये थे। इस मीटिंग में एडीजी मुख्यालय आरके मलिक और उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा सहित अन्य वरीय अधिकारी शिरकत कर रहे थे। आरके मलिक ने मीटिंग के बाद प्रेस वार्ता में बताया कि सहायक पुलिसकर्मियों को 20 फीसदी वेतन वृद्धि, 1 वर्ष का एक्सटेंशन और पुलिस भर्ती में आरक्षण का लाभ देने का ऑफर दिया था लेकिन सहायक पुलिसकर्मी सहमत नहीं है।
सहायक पुलिसकर्मियों पर लाठीचार्ज
शुक्रवार को सहायक पुलिसकर्मी सीएम हाउस का घेराव करने जा रहे थे लेकिन पुलिस ने उनको बैरिकेडिंग लगाकर रास्ते में रोक दिया। इसके बाद सहायक पुलिसकर्मी बैरिकेडिंग तोड़ आगे बढ़े और सूचना भवन के पास जमा हो गये। पुलिस ने लाठीचार्ज किया। सहायक पुलिसकर्मियों की ओर से भी हल्की झड़प हुई। कई आंदोलनकारी औऱ कुछ पुलिस पदाधिकारियों को चोट आई है।