द फॉलोअप डेस्क, रांची:
झामुमो द्वारा शिबू सोरेन को भारत रत्न देने की मांग पर बीजेपी ने तंज किया है। प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि शिबू सोरेन किस रत्न के हकदार हैं सबको पता है। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि भारत रत्न तो नहीं लेकिन उनको किस रत्न से नवाजा जाएगा वह सबको पता है। गौरतलब है कि बिहार के भूतपूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने के ऐलान का स्वागत करते हुए झामुमो ने कहा था कि हालांकि इसमें देरी हुई है। झामुमो ने साथ ही कहा था कि शिबू सोरेन देश में सबसे लोकप्रिय आदिवासी नेता हैं। राजनीति और समाज में उनके योगदान को देखते हुए गुरुजी को भी भारत रत्न देना चाहिए।
पार्टी फोरम में रखेंगे भारत रत्न देने की मांग
झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि वह पहले पार्टी फोरम में गुरुजी को भारत रत्न देने की मांग रखेंगे। मुख्यमंत्री को इससे अवगत कराएंगे ताकि वह प्रधानमंत्री से इस विषय पर बात कर सकें। इस बीच स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने भी शिबू सोरेन को भारत रत्न देने के झारखंड मुक्ति मोर्चा के बयान पर सहमति जताई। गौरतलब है कि झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन अभी राज्यसभा सांसद हैं। 2019 के विधानसभा चुनाव में उन्हें बीजेपी के सुनील सोरेन के हाथों हार मिली थी। हालांकि इससे पहले 2002 के मध्यावधि चुनाव से लेकर 2014 तक आम चुनाव तक वह दुमका से लगातार 4 बार चुनाव जीते। दुमका लोकसभा सीट पर शिबू सोरेन ने 8 बार चुनाव जीता। वह 2 बार झारखंड के मुख्यमंत्री भी रहे। इन दिनों अस्वस्थ चल रहे हैं।
शिबू सोरेन को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला
पिछले दिनों शिबू सोरेन के खिलाफ करप्शन के आरोपों पर जारी लोकपाल की जांच पर रोक दिल्ली हाईकोर्ट ने हटा ली। अब लोकपाल में यह मामला चलेगा। इस बीच बाबूलाल मरांडी ने कहा था कि घोटाले के आरोपों में घिरे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ही नहीं बल्कि शिबू सोरेन सहित परिवार के कई लोग जेल जाएंगे। इसी संदर्भ में भारत रत्न दिए जाने की मांग पर बाबूलाल ने कहा कि वह किस रत्न के हकदार हैं सब जानता है।
कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न पर सियासी हलचल तेज
गौरतलब है कि कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने के ऐलान के बाद सियासत हो रही है। नीतीश कुमार ने कहा कि वह 2007 से ही यह मांग उठाते रहे हैं। लालू प्रसाद यादव ने कर्पूरी ठाकुर को अपना राजनीतिक गुरु बताया वहीं उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि हमने जातिगत जनगणना कराई। आंकड़ों पर आरक्षण का दायरा बढ़ाया और इसी दबाव का परिणाम है कि कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न देने का ऐलान किया गया।