द फॉलोअप डेस्क
राज्य में JSSC CGL को लेकर 2 दिनों तक इंटरनेट सवाऐं बंद करने के निर्णय का बाबूलाल मरांडी ने विरोध किया है। बाबूलाल मरांडी ने होमंत सोरेन के इस कदम को अव्यवहारिक और हास्यास्पद बताया है। उन्होंने कहा कि यह फैसला न केवल असंवैधानिक है, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था भी चरमरा सकती है। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि यह फैसला सरकार की विफलता को दर्शाता है।
शनिवार को सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट साझा करते हुए बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार के इस निर्णय की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि इंटरनेट सवाऐं बंद होने से बाहर से परीक्षा देने आ रहे अभ्यर्थियों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। इंटरनेट दैनिक दिनचर्या का अभिन्न हिस्सा है। बच्चों की पढ़ाई लिखाई से लेकर बैंकिंग कार्यों तक, सरकारी दफ्तरों से लेकर गांवों के प्रज्ञा केंद्रों तक इंटरनेट हर जगह की जरूरत बन चुका है। इंटरनेट बंद किए जाने के निर्णय से आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। लोगों के काम-धंधे प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने हेमंत सोरेन को ताना मारते हुए कहा कि 'सिर्फ इंटरनेट पर ही पाबंदी क्यों लगा रहे हैं? लोगों के घरों से बाहर निकलने पर ही पाबंदी लगा दीजिए। बाजार बंद करा दीजिए। कर्फ्यू की घोषणा कर दीजिए'। उन्होंने सरकार के इस फैसले को मूर्खतापूर्ण कहा है और इसे जल्द वापस लेने को कहा है।
बता दें कि JSSC-CGL की परीक्षा 21 और 22 सितंबर को रांची समेत अन्य जिलों में आयोजित हो रही है। इस परीक्षा में 6.50 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन दिया है। परीक्षा के लिए कुल 823 केंद्र बनाए गए हैं। JSSC की संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा को निष्पक्ष और पार्दर्शी बनाने के लिए 21 और 22 सितंबर को सुबह 8 बजे से 1:30 बजे तक राज्य में इंटरनेट सवाऐं बंद करने का निर्णय लिया गया है।
हेमंत सरकार द्वारा झारखंड में दो दिनों शुबह से दोपहर इंटरनेट बंद किए जाने का निर्णय अव्यवहारिक और हास्यास्पद है।
— Babulal Marandi (@yourBabulal) September 21, 2024
हेमंत जी, JSSC CGL परीक्षा की परीक्षा देने के लिए कई राज्यों के अभ्यर्थी शामिल हो रहे हैं। इंटरनेट बंद कर देने के फैसले दूसरे राज्यों से आए अभ्यर्थियों को कठिनाई का…