ईडी के समन के खिलाफ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा दायर याचिका हाईकोर्ट से खारिज होने के सवाल पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि यह न्यायालय का फैसला है। उनको कानून का सम्मान करना चाहिए। दरअसल, केंद्रीय मंत्री खूंटी के तोरपा और मुरहू में प्रस्तावित 100 करोड़ की लागत से बनने जा रहे 2 एकलव्य विद्यालय का शिलान्यास करने पहुंचे थे। यहीं पत्रकारों ने उनसे हाईकोर्ट से खारिज हुई हेमंत सोरेन की याचिका के बाबत सवाल पूछा था।
शुक्रवार को सीएम की याचिका हुई खारिज
गौरतलब है कि ईडी के समन के खिलाफ दायर सीएम हेमंत सोरेन की याचिका पर आज हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र और जस्टिस आनंद सेन की बेंच में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने यह कहते हुए सीएम हेमंत की याचिका खारिज कर दी कि समन का समय बीत चुका है। समन किए जाने के बाद यह याचिका दाखिल की गई है। इससे पहले मुख्यमंत्री का पक्ष रख रहे वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि ईडी के समन में स्पष्ट नहीं है कि मेरे मुवक्किल मामले में आरोपी हैं या गवाह। मुख्यमंत्री के खिलाफ एजेंसी ने कोई केस भी दर्ज नहीं किया इसलिए समन उचित नहीं है।
ईडी ने मदन लाल चौधरी केस का दिया हवाला
केस में ईडी का पक्ष रख रहे एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने विजय मदन लाल चौधरी केस का हवाला देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने पीएमएलए एक्ट की धारा 50 और 60 के तहत समन को चुनौती दी है उसमें सुप्रीम कोर्ट पहले ही डिसाइड कर चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि एजेंसी को समन जारी करने और बयान लेने का अधिकार है। मुख्यमंत्री को 5 समन जारी किया गया लेकिन वह एक बार भी हाजिर नहीं हुए। ऐसे में याचिका का कोई औचित्य नहीं है।
पांच समन जारी हुआ पर ईडी ऑफिस नहीं गए सीएम
बता दें कि मुख्यमंत्री को ईडी ने 14 अगस्त, 24 अगस्त, 9 सितंबर, 23 सितंबर और 4 अक्टूबर को समन कर पूछताछ के लिए बुलाया लेकिन वह एक बार भी हाजिर नहीं हुए। मुख्यमंत्री ने इसे राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित मामला बताया।
अर्जुन मुंडा ने मुख्यमंत्री को कानून के सम्मान की सलाह दी
अर्जुन मुंडा ने मुख्यमंत्री को कानून का सम्मान करने की सलाह दी वहीं इससे पहले बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने भी कहा कि मुख्यमंत्री चाहे जो भी दरवाजा खटखटा लें, आखिरकार उनको ईडी के समक्ष पेश होना ही होगा। बाबूलाल मरांडी भी कहते रहे हैं कि यदि मुख्यमंत्री ने कोई गलत काम नहीं किया तो ईडी के समक्ष पेश होने में हर्ज किया है। आखिर में सवाल है कि मुख्यमंत्री का अगला कदम क्या होगा?