रांचीः
पिछले 17 दिनों से राज्य के तमाम एएनएम और जीएनएम कर्मी राज भवन के सामने धरना पर बैठे हैं। इनमें से 21 अनुबंध कर्मी 10 दिनों से आमरण अनशन कर रहे हैं। अनशन पर बैठे कर्मियों की तबीयत बिगड़ती जा रही है। अब तक 7 लोग बीमार हो चुके हैं। इनको अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। आज सुबह भी एक एएनएम की तबीयत खराब हो गई है। जिसके बाद उन्हें सदर अस्पताल ले जाया गया। मौके पर एंबुलेंस, कई नर्स और डॉक्टरों की तैनाती की गई है। यह डॉक्टर अनशनकारियों की जांच कर रहे हैं। उनकी बीपी जांच की जा रही है। डॉक्टरों का कहना है कि 10 दिनों से कुछ नहीं खाने पीने की वजह से सब की तबीयत काफी खराब होती जा रही है। अगर समय पर खाना-पीना नहीं शुरू करेंगे तो हालत गंभीर हो सकती है। वहीं प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक उन्हें नियमित नहीं किया जाएगा। तब तक वह धरना पर बने रहेंगे। जब इन 21 की तबीयत खराब हो जाएगी तो नए सिरे से फिर 21 लोग अनशन पर बैठेंगे।
इस बार कैबिनेट में ले हो सकता है कुछ सकारात्मक
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि धरने के बीच सत्ता पक्ष और विपक्ष के लोग आ रहे हैं। सिर्फ आश्वासन दे रहे हैं लेकिन कोई ठोस पहल हमें लेकर नहीं किया जा रहा है। हालांकि धरना कर रहे अनुबंध कर्मियों को उम्मीद है कि इस बार की 9 फरवरी को कैबिनेट की बैठक में उनको लेकर कोई सकारात्मक पहल सरकार की तरफ से किया जाएगा। अनुबंध पर कार्यरत तमाम एएनएम जीएनएम का कहना है कि जो मानदेय इस वक्त उनको मिलता है इससे उनका गुजारा नहीं होता है। पिछले 16 साल से वह राज्य में अपनी सेवा दे रहे हैं। कोरोना काल में जब सब कुछ बंद था। कोई अपने घर से नहीं निकल रहा था। उस वक्त भी उन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों की सेवा की है और आज तक सरकार उन्हें एक अच्छी सैलरी नहीं दे पाई। जबकि सरकार इसी वादे के साथ सत्ता में आई थी कि उनको नियमित किया जाएगा लेकिन उनको लेकर कोई कदम सरकार नहीं उठा रही है।