द फॉलोअप डेस्क
अंकुरम IVF निःसंतान दंपत्तियों के सपनों को पूरा करने में तत्पर है। बांझपन से निराश जोड़ों को खुशियों की तरफ ले जाने वाले अंकुरम ने 13 मार्च 2023 को अपनी पहली वर्षगांठ मनाई। क्लिनिक के संस्थापक एवं निदेशक डॉ. रूही श्रीवास्तव और डॉ. राजनारायण साहू ने अंकुरम की सफलता की कहानी साझा की और कहा की हमने कई निःसंतान दंपत्तियों के सपनों को पूरा करने में मदद की है।
1100 से भी अधिक जोड़ों को निःशुल्क परामर्श प्रदान किया
क्लिनिक निदेशक डॉ. रूही श्रीवास्तव ने कहा- हम निःसंतान दंपत्तियों के सपनों को पूरा करने को तत्पर है। हमारी टीम काफी मेहनत कर रही है और उनका समर्पण सराहनीय है। हमने अब तक झारखंड के सभी जिलों में कुल मिलाकर 81 निःशुल्क निःसंतानता शिविरों का आयोजन किया है। जिसमें हमने 1100 से भी अधिक जोड़ों को निःशुल्क परामर्श प्रदान किया है। इन शिविरों में हमने लोगों के विभिन्न प्रश्नों के उत्तर दिए और उन्हें उनकी समस्याओं के बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान की। इससे लोगों में जागरुकता फैली और वे इन समस्याओं के समाधान के बारे में अधिक जान सके। इसके अलावा, हमने शुरूआती जांच जैसे की सीमेन एनालिसिस, अल्ट्रा साउंड एवं डॉक्टरी परामर्श लगभग सभी जोड़ों को निःशुल्क प्रदान किया है। ऐसी महिला जिनकी उम्र 45 वर्षों से भी अधिक है और जिनका गर्भाशय सेप्टेट था। अंकुरम आईवीएफ द्वारा उनका भी सफल उपचार संभव हुआ एवं उन्होंने पहले प्रयास में ही गर्भधारण किया। हमें खुशी है कि हम ऐसे कई दंपतियों की मदद कर सके और उनके आंगन में खुशियों की किलकारी ला सके।
CASA जैसी तकनीक को झारखंड में लाया
डॉ. राजनारायण साहू, मुख्य भ्रूणविज्ञानी एवं निदेशक अंकुरम IVF ने कहा हम झारखंड के लोगों के सेवा में समर्पित हैं। कम लागत और सर्वोत्तम IVF उपचार हमारी प्राथमिकता है। हमारी एम्ब्रियोलॉजी लेव विश्वस्तरीय एवं उत्कृष्ट है और हम सभी नवीनतम तकनीकों का उपयोग करते हुए अपने मरीजों के लिए सबसे अच्छे उपचार की सुविधा प्रदान करते हैं। हमने पहली बार CASA जैसी तकनीक को झारखंड में लाया है। हमारे लक्ष्य को पूटा कटने के लिए, हम अत्याधुनिक सुविधाओं का उपयोग करते हैं जैसे कि लेजर असिस्टेड हैचिंग, ब्लास्टोसिस्ट कल्चर, विट्रिफिकेशन और इंट्रा साइटोप्लाज्मिक स्पर्म इंजेक्शन, जिससे हमारी सेवाएं अधिक विश्वसनीय और भरोसेमंद हो गई है। यह बताते हुए हमें अत्यधिक खुशी हो रही है कि हमने क्वालिटी मानकों को ध्यान में रखते हुए 70% से अधिक सफलता दर दी है। हमारे द्वारा कई गटील जोड़ों को कम लागत में आई. वी. एफ. उपचार दिया है, पर चाहते हुए भी अति गरीब जोड़ों IVE की सुविधा नही प्रदान कर पा रहे है। हमारी इच्छा है कि झारखंड में कोई भी दंपत्ति निःसंतान न रहे। उन्होंने कहा की में झारखंड सरकार से अनुरोध करता हूं कि आईवीएफ उपचार को आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत शामिल करने का विचार करें। इससे लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।
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