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बाबूलाल के पास कोई ठोस सबूत है तो कानून की मदद लें, बेचारा न बनें: विनोद कुमार पांडेय

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रांची 

भारतीय जनता पार्टी द्वारा लगाए गए आरोप न केवल तथ्यहीन हैं बल्कि यह उनके राजनीतिक दिवालियापन का प्रमाण भी हैं। बाबूलाल मरांडी के प्रति हम सभी सम्मान का भाव रखते हैं, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वे अब भाजपा के एजेंडे का हिस्सा बनकर झूठ और भ्रम फैलाने का कार्य कर रहे हैं। उनकी निजी पीड़ा का हम सम्मान करते हैं, लेकिन इससे उन्हें यह अधिकार नहीं मिल जाता कि वे निराधार आरोपों से एक संवैधानिक सरकार की छवि को धूमिल करने की साजिश रचते रहें। झारखंड मुक्ति मोर्चा आंदोलन से निकली एक पार्टी है जिसने जनसरोकारों के लिए दशकों तक संघर्ष किया है। त्याग का पाठ हमें किसी से सीखने की जरूरत नहीं। आदिवासी हितों की रक्षा हमारा मूल मंत्र है। बाबूलाल मरांडी ने नगड़ी या किसी अन्य स्थान पर आदिवासियों के हित में क्या कार्य किया, यह सबके सामने है। हम पूछना चाहते हैं कि भाजपा की सरकारों ने उनके कार्यकाल में कितनी बार नगड़ी जैसे संवेदनशील मामलों को प्राथमिकता दी?

भाजपा की ओर से यह कहना कि सरकार ‘बाबूलाल फोबिया’से ग्रस्त है, हास्यास्पद है। हकीकत यह है कि भाजपा को यह स्वीकार नहीं हो रहा कि राज्य की जनता ने उन्हें बार-बार नकारा है। इनका जो हाल है उससे साफ है कि 2029 में भी हेमंत सरकार झारखंड की सत्ता संभालेगी। माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हर सेक्टर सामाजिक, आर्थिक, स्वास्थ्य, शिक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर बेमिशाल काम किया है और पहली बार हेमंत सोरेन के नेतृत्व में राज्य का सही दिशा में विकास हो रहा है। हर वर्ग के चेहरे पर खुशहाली है। यही भाजपा और बाबूलाल मरांडी की बेचैनी का कारण है। बाबूलाल मरांडी अब भाजपा के मुखौटे के तौर पर उपयोग हो रहे हैं। उनकी छवि और उनके पुराने संघर्षों को भाजपा के दुष्प्रचार में मोहरा बनाया जा रहा है।

अगर बाबूलाल मरांडी के पास कोई ठोस सबूत हैं कि उनके और उनके करीबियों के खिलाफ षड्यंत्र हो रहा है, तो उन्हें कानून की मदद लेनी चाहिए। आखिर वह कब तक राजनीतिक बेचारा बन कर सियासत करते रहेंगे। लेकिन, वे एक जिम्मेदार नेता होते हुए भी मीडिया के माध्यम से केवल सनसनी फैलाने का कार्य कर रहे हैं। यह उनके राजनीतिक उद्देश्य और इसके गिरते स्तर को ही उजागर करता है। 

राजधर्म की दुहाई देने वालों को पहले खुद आत्मावलोकन करना चाहिए। भाजपा का ट्रैक रिकॉर्ड बताता है कि जब वे सत्ता में होते हैं, तब प्रशासनिक तंत्र का किस तरह दुरुपयोग करते हैं। झारखंड की जनता अब समझ चुकी है कि भाजपा केवल भ्रम और विभाजन की राजनीति करती है, जबकि हेमंत सरकार विकास, सामाजिक न्याय और शांति की राजनीति करती है। 


 

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