हजारीबाग:
हजारीबाग जिले में गृह रक्षकों के नामांकन का मामला आज सदन ने अंबा प्रसाद ने उठाया। अंबा प्रसाद ने सदन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि होमगार्ड अभ्यर्थियों के लिखित शारीरिक एवं तकनीकी जांच परीक्षा के बाद जारी की गई औपबंधिक सूची जारी की गई थी, जिसमें उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, एवं होमगार्ड के अधिकारियों के दस्तखत थे। लेकिन फिर उपायुक्त के ने पूरे विज्ञापन को निरस्त कर दिया गया जो कि असंवैधानिक है।
आलमगीर आलम ने आश्वस्त किया
अंबा प्रसाद ने कहा कि विगत ढाई महीने से होमगार्ड के अभ्यर्थी धरना प्रदर्शन कर रहे हैं परंतु अधिकारी असंवेदनशील है। अंबा प्रसाद ने जल्द नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण कर अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिलाने की मांग की और निरस्त की गई मेधा सूची एवं विज्ञापन के आलोक में जिला उपायुक्त पर कार्रवाई करने की मांग की। जिसके बाद प्रभारी मंत्री आलमगीर आलम ने यह आश्वस्त किया कि सरकार गृह रक्षकों के नामांकन की प्रक्रिया पूर्ण कराने को लेकर संवेदनशील है और यथाशीघ्र झारखंड गृह रक्षक स्वयं सेवक नियमावली 2014 के प्रावधानों के अनुसार नामांकन की कार्रवाई पूर्ण की जाएगी।
उपायुक्त ने कैसे रद्द कर दिया विज्ञापन
अंबा प्रसाद ने मंत्री के प्राप्त उत्तर अनुसार कहा कि झारखंड गृह रक्षक नियमावली 2014 के प्रावधान में यह साफ-साफ लिखा हुआ है कि गृह रक्षकों के नामांकन की प्रक्रिया महासमादेष्टा झारखंड गृह रक्षा वाहिनी के नियंत्रण में रहेगा तो सिर्फ हजारीबाग उपायुक्त ने कैसे विज्ञापन को रद्द कर दिया ।