रांची
अमन सिंह हत्याकांड की उच्च स्तरीय जांच शुरू कर दी गयी है। पुलिस के सामने फिलहाल सबसे बड़ी चुनौती ये जानना है कि जेल के अंदर हथियार कैसे पहुंचे। इसका पता लगाने के लिए जेल IG उमाशंकर सिंह के निर्देश पर तीन अफसरों की टीम को धनबाद जेल भेजा गया है। ये तीनों अधिकारी जेल अधिकारी है। इस टीम में AIG हामिद अख्तर, तुषार रंजन सहित एक अन्य कारा अधिकारी को शामिल किया गया है। मिली खबर के मुताबिक जांच के बाद दोषी जेल अधिकारियों पर प्राथमिकी दर्ज की जायेगी। साथ ही जेल की कड़ी सुरक्षा के बीच हथियार जेल तक कैसे पहुंचे, इसकी मुकम्मल जांच कारा विभाग के द्वारा की जायेगी।
आशीष रंजन ने ली है हत्या की जिम्मेदारी
बता दें कि जेल में हुई गैंगस्टर अमन सिंह हत्याकांड की जिम्मेदारी आशीष रंजन नाम के अपराधी ने ली है। कहा जा रहा है कि रंजन ने एक साजिश के तहत पहले सुंदर महतो के जेल भिजवाया फिर सुंदर ने अमन सिंह की हत्या कर दी। हालांकि पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है। सुंदर महतो बाइक चोरी के आरोप में हत्या के 10 दिन पहले जेल आया था। सुंदर महतो का एक और नाम रितेश यादव भी बताया जाता है। हालांकि पुलिस अभी तक हत्या में इस्तेमाल किये गये आर्म्स को बरामद नहीं कर सकी है। लेकिन कहा जा रहा है कि जेल के अंदर उसे आशीष रंजन के गुर्गों ने आर्म्स उपलब्ध कराया। इसमें कुछ जेल कर्मचारियों की मिलीभगत की भी खबर है। तीन अफसरों की टीम इन्ही तथ्यों की जांच करेगी।
कभी आशीष रंजन का करीबी हुआ करता था अमन सिंह
धनबाद के गैंगस्टरों पर नजर रखने वालों का कहना है कि आशीष रंजन पहले अमन सिंह का करीबी हुआ करता था। दोनों ने कई कांड को मिलकर अंजाम दिय़ा था। लेकिन कुछ समय बाद ही दोनों के बीच मतभेद होने लगे औऱ दूरियां बढ़ने लगीं। दोनों में दुश्मनी इस स्तर पर पहुंच गयी कि आशीष रंजन ने अमन सिंह की हत्या कराने के लिए प्लानिंग की। इसी प्लानिंग और साजिश के तहत उसने पहले मामूली बाइक चोर सुंदर महतो से संपर्क किया। फिर उसे जेल भिजवा कर अमन सिंह पर फायरिंग करा दी। इससे मौके पर ही, जेल के अंदर अमन सिंह ने दम तोड़ दिया। खबरों में कहा गया है कि सुंदर महतो ने अमन सिंह पर सात गोलियां दागी।