द फॉलोअप डेस्कः
मंत्री आलमगीर आलम को 16 मई को कोर्ट में पेशी के बाद रिमांड पर भेज दिया गया। आज से उनकी रिमांड अवधि शुरू होगी। लेकिन उससे पहले गुरुवार की रात उनको होटवार जेल में बिताना पड़ा। 16 मई की रात उनके लिए बहुत भारी थी। होटवार जेल में उनकी पहली रात टेंशन में गुजरी। वह सारी रात बेचैन नजर आए। किसी से उन्होंने कोई बातचीत भी नहीं की। कभी वह अपने वार्डा में टहल रहे थे तो कभी बिस्तर पर लेट जा रहे थे। वह वार्ड से वह एक बार भी बाहर नहीं निकले। जेल प्रशासन उनको बार-बार खाना-पानी के लिए भी पूछ रहा था लेकिन वह मना कर दे रहे थे।
आधी रोटी और आधा ग्लास दूध पिया
आलमगीर आमल को शाम साढ़े सात बजे खाना दिया गया। खाने में उन्हें भिंडी-आलू की भुजिया और रोटी दी गई। साथ ही एक गिलास दूध दिया गया। खाना काफी देर तक खाना टेबल पर पड़ रहा। करीब दस बजे उन्होंने आधी रोटी खाई और आधा गिलास दूध पीया। आधी रोटी भी उन्होंने मुश्किल से खायी। बता दें कि दिन के 1.50 बजे ईडी के अफसर आलमगीर को लेकर जेल लेकर पहुंचे। जिसके बाद मंत्री सीधे जेलर के कार्यालय में पहुंचे। वहां बातचीत हुई। इसके बाद जेलकर्मी उन्हें उनके वार्ड में लेकर चले गये। उनके लिए अपर डिविजन में सारी व्यवस्था थी। उनकी सुरक्षा के लिए अपर डिविजन में हर शिफ्ट में चार-चार पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है।
स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाए पूछताछ के दौरान
पेशी के दौरान पीएमएलए कोर्ट ने आलमगीर आलम से उनके स्वास्थ्य के बारे में जाना। इस पर उनके वकील ने कहा कि उन्हें स्लीप एपनिया नामक बीमारी है। इसके लिए सीपीएपी मशीन की जरूरत पड़ती है। इसे साथ रखना है। कोर्ट ने पूछताछ के दौरान ईडी को आलमगीर के स्वास्थ्य पर ध्यान रखने का आदेश दिया। ईडी ने कहा कि पूछताछ में स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखा जाता है