रांची
राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, परसपानी (गोड्डा) के छात्रों का पंजीकरण लंबे समय से अटका हुआ था। बीएचएमएस की डिग्री और इंटर्नशिप पूरी कर लेने के बावजूद आयुष चिकित्सकों का पंजीकरण नहीं हो पा रहा था। इससे परेशान चिकित्सकों को कॉलेज, विश्वविद्यालय और रजिस्ट्रार कार्यालय के लगातार चक्कर काटने पड़ रहे थे। इस मुद्दे को लेकर चिकित्सकों ने आजसू नेता और हजारीबाग लोकसभा के पूर्व प्रत्याशी संजय मेहता से संपर्क किया। संजय मेहता ने मामले की विस्तृत जानकारी लेकर इसे भारत सरकार के आयुष मंत्रालय तक पहुँचाया। छात्रों ने बताया कि वे पंजीकरण की सभी अर्हताएं पूरी कर चुके हैं, लेकिन पंजीकरण न होने के कारण न तो वे चिकित्सकीय प्रैक्टिस कर पा रहे हैं और न ही किसी नियुक्ति प्रक्रिया में भाग ले पा रहे हैं।
संजय मेहता द्वारा आयुष मंत्रालय को पत्र लिखने के बाद मंत्रालय ने आवेदन को होम्योपैथिक आचार एवं पंजीकरण बोर्ड, राष्ट्रीय होम्योपैथिक आयोग को भेजा। आयोग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए झारखंड सरकार को पत्र लिखा और स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को आवश्यक निर्देश दिए। इस शिकायत का व्यापक असर हुआ। राष्ट्रीय होम्योपैथिक आयोग के निर्देश के बाद झारखंड आयुष चिकित्सा परिषद के रजिस्ट्रार ने स्वयं चिकित्सकों से संपर्क कर उन्हें सूचित किया कि उनका पंजीकरण जल्द शुरू कर दिया जाएगा।
संजय मेहता ने रजिस्ट्रार से बात कर पंजीकरण प्रक्रिया को शीघ्र पूर्ण करने का आग्रह किया। रजिस्ट्रार ने बताया कि प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है और शीघ्र ही सभी योग्य चिकित्सकों का पंजीकरण कर दिया जाएगा। संजय मेहता ने कहा, “झारखंड के अधिकांश विभागों में लेट-लतीफी आम बात हो गई है। दस्तावेज़ पूरे होने के बावजूद आम लोगों का काम नहीं हो पाता। सरकार भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हुई है। उसे गुड गवर्नेंस पर ध्यान देना चाहिए।” समस्या के समाधान के बाद चिकित्सकों ने संजय मेहता के प्रति आभार व्यक्त किया।