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नई शिक्षा नीति के बाद राज्य के 5 हजार शिक्षक हो जायेंगे बेरोजगार 

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द फॉलोअप डेस्क 

नई शिक्षा नीति आने के बाद राज्य के महाविद्यालयों में इंटरमीडियट की पढ़ाई बंद कर दिए जाने से राज्य के पांच हजार शिक्षक बेरोजगार होने वाले हैं. जिसे लेकर राज्य के 24 जिलों से लगभग पांच हजार की संख्या में अंगीभूत महाविद्यालय इंटरमीडियट में कार्यरत शिक्षकों ने बुधवार को रांची विश्वविद्यालय से राजभवन तक पैदल मार्च की। रैली में भाग लिए शिक्षकों ने कहा वे पिछले दस वर्षों से अंगीभूत महाविद्यालयों में अपनी सेवा दे रहें हैं। लेकिन अब सरकार हमलोगों के साथ नाइंसाफी कर रही है। 


जीविका पर पड़ेगा बुरा असर 
शिक्षकों ने कहा कि जब सरकार को हमारी आवश्यकता थी तब हमे कम मानदेय पर रख कर हमसे काम करवाया लेकिन अब जब हमलोगों ने अपनी जीवन का आधा हिस्सा महाविद्यालयों में पढ़ाने में निकाल दिया। तब नई शिक्षा नीति के अनुसार हमलोगों को समायोजित करने की बजाये हमें हटाया जा रहा है। जो कहीं से उचित नहीं है। अगर हमें हटा दिया गया तो हमारी जीविका पर इसका बुरा असर पड़ेगा। हम में से कई अनुसचित जाति और अल्पसंख्यक समुदाय के शिक्षक हैं। जिनकी आर्थिक स्थिति उतनी अच्छी नहीं है। इस निर्णय के बाद शायद उन्हें भुखमरी का भी सामना करना पड़ सकता है। इस मामले में शिक्षक संघ की अध्यक्ष शालिनी नाग ने कहा कि शिक्षा मंत्रालय में कई ज्ञापन भी दिए गए लेकिन वहां से केवल आश्वासन दिए जा रहे थे। इसलिए आज हमलोगों ने रांची विश्वविद्यालय से राजभवन तक रैली निकाल कर राज्यपाल को भी ज्ञापन सौंपा। 

 

छात्रों के भविष्य के साथ हो रहा खेलवाड़  

जहां एक तरफ अंगीभूत महाविद्यालयों में इंटर की शिक्षकों की नौकरी जाने से हजारों की संख्या में शिक्षक बेरोजगार हो जायेंगे तो दूसरी ओर सरकार ने महाविद्यालयों में इंटर के प्रवेश में रोक तो लगा दी लेकिन उसके लिये कोई ठोस तैयारी नहीं की. बताया गया कि 10+2 के विद्यालयों की कमी है और जहां है भी वहां जगह कम है ऐसे में यह निर्णय लेना छात्रों के भविष्य से खेलने जैसा है।

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