द फॉलोअप डेस्कः
झामुमो ने बागी नेता लोबिन हेम्ब्रम को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। लोबिन हेंब्रम ने कहा है कि उन्हें अपने निष्कासन का कोई अफसोस नहीं है। उन्होंने गुरुजी शिबू सोरेन के जल, जंगल व जमीन की लड़ाई को सिर्फ आगे बढ़ाने का काम किया है। इसमें साथ देने के बजाए झामुमो ने उन्हें पार्टी से ही बाहर का रास्ता दिखा दिया। उन्होंने कहा कि फिलहाल उनका पूरा ध्यान राजमहल सीट से चुनाव जीतने का है। वे निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं। पहले भी 1995 में एक बार जब झामुमो ने सिटिंग एमएलए रहने के बावजूद बेवजह उनका टिकट बोरियो सीट से काट दिया था, उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और शानदार जीत हासिल की। झामुमो के अधिकृत प्रत्याशी चौथे नम्बर पर चले गए थे। कुल मिलाकर उन्हें निर्दलीय चुनाव लड़ना भाता है।
क्या कहा गया आदेश में
इधर, लोबिन के निष्कासन से संबंधित आदेश में कहा गया है कि मीडिया के माध्यम से यह बात सामने आ रही है कि लोबिन हेम्ब्रम ने गठबंधन धर्म के विपरीत राजमहल से लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन किया। साथ ही उनके द्वारा पार्टी कार्यकर्ताओं को दिग्भ्रमित करने का प्रयास किया जा रहा है। इसलिए उनको पार्टी से 6 साल के निकाला जाता है।
लोबिन हेम्ब्रम लंबे समये से चल रहे पार्टी से नाराज
बता दें कि लोबिन हेम्ब्रम लंबे समय से पार्टी से नाराज चल रहे हैं। उन्होंने कई मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तथा पार्टी के अन्य पदाधिकारियों के विरुद्ध आरोप लगाए। उन्होंने बागी होकर राजमहल संसदीय सीट से निर्दलीय नामांकन भी कर दिया। इधर, पार्टी ने इससे पहले लोकसभा चुनाव के दौरान बागी होकर चुनाव लड़नेवाले विधायक चमरा लिंडा तथा पूर्व विधायक बसंत लोंगो एवं जेपी वर्मा के विरुद्ध भी कार्रवाई की है।