द फॉलोअप डेस्क
कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में धांधली के आरोप लगाने के मामले में चुनाव आयोग ने कहा है कि वह तभी जवाब देगा जब विपक्ष के नेता सीधे उसे पत्र लिखेंगे। यह जानकारी समाचार एजेंसी पीटीआई ने एक सूत्र के हवाले से दी है।
रिपोर्ट के मुताबिक, चुनाव आयोग ने कहा की उसने सभी छह राष्ट्रीय दलों को अलग-अलग बातचीत के लिए आमंत्रित किया था। इनमें से पांच दलों ने चुनाव आयोग के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की, लेकिन कांग्रेस ने 15 मई को होने वाली बैठक रद्द कर दी थी।
इससे पहले शनिवार को राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर पलटवार करते हुए कहा था कि "टालमटोल करने से आयोग की विश्वसनीयता नहीं बचेगी, बल्कि सच बताने से बचेगी।" उन्होंने एक लेख में महाराष्ट्र चुनावों को "मैच फिक्सिंग" करार दिया और दावा किया कि अगली बार ऐसा बिहार चुनावों में और उन सभी जगहों पर होगा "जहां भाजपा हार रही है" जिस आरोप को चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया।
महाराष्ट्र के मतदान केंद्रों की सीसीटीवी फुटेज की मांग पर चुनाव आयोग के सूत्रों ने कहा कि आयोग के निर्देशों के अनुसार, जब कोई चुनाव याचिका दायर की जाती है तो संबंधित उच्च न्यायालय मतदान केंद्रों की सीसीटीवी फुटेज की जांच कर सकता है।
एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने यहा तक कहा, "चुनाव की शुचिता और मतदाताओं की निजता की रक्षा के लिए चुनाव आयोग ने ऐसा किया है। राहुल गांधी मतदाताओं की निजता में दखल क्यों देना चाहते हैं, जबकि चुनावी कानूनों के अनुसार चुनाव आयोग को इसकी रक्षा करनी चाहिए?"
उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष के नेता को किसी भी प्रकार की चुनावी विसंगति के समाधान के लिए उच्च न्यायालयों पर भरोसा करना चाहिए।
इसके अलावा, चुनाव आयोग के सूत्रों ने कहा कि मतदाता सूची में हेराफेरी का आरोप लगाकर राहुल गांधी ने अप्रत्यक्ष रूप से अपनी ही पार्टी द्वारा नियुक्त बूथ एजेंटों और उम्मीदवारों के मतदान एवं मतगणना एजेंटों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं।