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Ranchi : 9 साल बाद मिला नन्ही परी को न्याय, नाजायज रिश्ते को छिपाने के लिए हुई थी हत्या

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रांची : 
वर्ष 2013 की एक बेहद ही चर्चित परी हत्याकांड आपको याद होगी। इस हत्याकांड में एक छोटी सी मासूम बच्ची को जायदाद के लालच में मौत के घाट उतार दिया गया था। आखिरकार 9 साल बाद बच्ची को न्याय मिल ही गया। परी  (शाजिया परबीन) के दोनों हत्यारे को कोर्ट ने सजा सुना दी है। बच्ची डोरंडा के दर्जी मुहल्ला की रहनेवाली थी। 9 साल बाद पोक्सो के विशेष न्यायाधीश आसिफ इकबाल ने दोषी शाहिद अख्तर को उम्र कैद और शाहजादी खातून को दस साल की सजा सुनायी है। इसके साथ ही शाहिद को 20 हजार व शाहजादी को 10 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया है। दोनों को 12 जुलाई को अदालत ने दोषी करार दिया था।

 

नजायज संबंध के बारे में जानती थी परी 
रांची के तत्कालीन सिटी एसपी सौरभ ने जांच पूरी होने के बाद तीन मार्च 2020 को दोनों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। चार्जशीट के अनुसार सहजादी खातून गुलाम मुस्तफा की पत्नी है। लेकिन उसका नाजायज संबंध साहिद अख्तर के साथ था। शहजादी के घर शाहिद का हमेशा आना जाना लगा रहता था। बच्ची भी शहजादी के घर आती-जाती थी। बच्ची इनके नाजायज रिश्ते को जानती थी। बच्ची उसके नाजायज रिश्ते को दूसरे लोगों के बीच उजागर न कर दे। इसलिए शहजादी अपने प्रेमी से बोली थी कि वह नन्ही पट्टी की हत्या कर दे। नाजायज रिश्ते के बीच काटा बनी बच्ची की शाहिद ने हत्या कर दी थी। 

 

जायदाद नहीं देना चाहती थी मामी
विशेष लोक अभियोजक मोहन रजक ने बताया कि संपत्ति के लालच में बच्ची की हत्या हुई थी।  शाहजादी खातून परी की मामी थी़। बच्ची के मामा परी के नाम पर संपत्ति करना चाहते थे, लेकिन शाहजादी संपत्ति ऐसा नहीं चाहती थी। इसलिए शाहजादी ने अपने बॉयफ्रेंड के साथ मिलकर परी की हत्या कर दी थी। बता दें कि दोनों आरोपियों को 2020 डोरंडा पुलिस ने गिरफ्तार किया था। 25 अप्रैल 2013 को परी का शव एक निर्माणधीन घर में मिला था जिसके बाद परी के पिता ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसके बाद हाईकोर्ट ने एसपी को मामले की जांच करने को कहा था।