द फॉलोअप डेस्क
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड के नेशनल रूरल हेल्थ मिशन (एनआरएचएम) घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में धनबाद निवासी आदित्य नारायण सिंह की पत्नी रामपति देवी की 1.42 करोड़ रुपए मूल्य की अचल संपत्ति अस्थायी रूप से अटैच की है। यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, 2002 के तहत की गई है।
ईडी ने गुरुवार को जारी किए गए एक आधिकारिक बयान में बताया कि अटैच की गई संपत्ति में एक दो मंजिला मकान और जमीन शामिल है। यह मामला झारखंड में एनआरएचएम फंड से 6.97 करोड़ रुपए के गबन से जुड़ा है। इस घोटाले के मुख्य आरोपी प्रमोद कुमार सिंह हैं, जो तत्कालीन ब्लॉक अकाउंट मैनेजर थे, और जिन्हें 19 फरवरी 2024 को गिरफ्तार किया गया था।
इस मामले में झारखंड एंटी करप्शन ब्यूरो ने वर्ष 2011-12 में पीएचसी (प्राइमरी हेल्थ सेंटर) के लिए आवंटित 6 करोड़ 97 लाख 43 हजार रुपए के गबन का मामला पकड़ा था। इसके बाद, 10 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।
ईडी ने 2023 में इस मामले की जांच शुरू की और खुलासा हुआ कि प्रमोद कुमार सिंह ने धनबाद के झरिया-कम-जोड़ापोखर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के तत्कालीन प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. शशि भूषण प्रसाद (अब दिवंगत) के साथ मिलकर सरकारी धन का दुरुपयोग किया। जांच के दौरान यह भी सामने आया कि इस घोटाले में गबन की राशि अब बढ़कर 9.39 करोड़ रुपए हो गई है।
मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में ईडी ने जुलाई और सितंबर 2024 में प्रमोद कुमार सिंह और उसके सहयोगियों से जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें विभिन्न संपत्तियां जब्त की गईं। 30 अगस्त 2024 को 1.63 करोड़ रुपए मूल्य की अचल संपत्ति अस्थायी रूप से अटैच की गई थी। अब रामपति देवी की संपत्ति के अटैचमेंट के साथ, इस मामले में अब तक जब्त या अटैच की गई संपत्तियों की कुल कीमत 3.5 करोड़ रुपए से अधिक हो गई है।