द फॉलोअप डेस्क
मनी लॉन्ड्रिंग मामले के आरोपी अभिषेक अग्रवाल और अमित सरवागी ने ED की कोर्ट में टाइम पिटीशन दाखिल की है। जिसमें दोनों आरोपियों ने अदालत में याचिका दाखिल कर अपनी अग्रिम जमानत के लिए हाईकोर्ट में गुहार लगाई है। जिसमें उन्होंने कहा कि जब तक हाईकोर्ट कोई आदेश नहीं सुनाता तब तक उनके विरूद्ध कोई भी पीड़क कार्रवाई न की जाए।
वर्ष 2018-19 में सीबीआई ने ज्ञान प्रकाश सरावगी और उसके साथियों के विरूद्ध बैंक ऑफ इंडिया से 31.24 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में तीन प्राथमिकी दर्ज की थी। वहीं अनुसंधान के क्रम में और बैंकों के अधिकारियों के साथ हुई पूछताछ में पता चला कि इन लोगों ने अन्य बैंकों के साथ भी 75 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी की है। ज्ञान प्रकाश सरावगी और उसके सहयोगियों ने मेसर्स सनबीम डीलर्स प्रा. लिमिटेड, मेसर्स ग्लोबल ट्रेडर्स, मेसर्स बद्री केदार उद्योग प्रा. लिमिटेड, मेसर्स सरावगी बिल्डर्स एंड प्रमोटर्स, मेसर्स श्रीराम कॉमट्रेड प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स द्वारिकाधीश उद्योग प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर बैंक ऑफ इंडिया और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया (UBI अब पंजाब नेशनल बैंक में विलय) को धोखा दिया है।