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नीति आयोग की बैठक में नहीं शामिल हुए 8 मुख्यमंत्री, बाबूलाल ने पूछा विरोध में किस स्तर तक गिरेंगे आप लोग

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द फॉलोअप डेस्कः 
दिल्ली में शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग बैठक जारी है। इसमें सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के CM और उपराज्यपालों को बुलाया गया था, लेकिन 8 राज्यों के मुख्यमंत्री नहीं आए। इसे लेकर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट किया है और विपक्षी नेताओं से पूछा कि सरकार के विरोध में किस स्तर तक आप लोग गिरेंगे। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि "आज नीति आयोग की बैठक हुई, लेकिन 8 राज्यों के मुख्यमंत्री इस बैठक से दूर रहे। नीति आयोग देश के विकास को मूर्तरूप देने वाला, देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने वाला और राज्यों की समस्याओं को सुनने और उनका समाधान करने वाला आयोग है। कहा जाता है कि मजबूत राज्य ही मजबूत देश बनाते हैं। जो विपक्षी संविधान रक्षा की बात कर रहे हैं वे इस निंदनीय कृत्य पर क्या कहेंगे? क्या यह "सहकारी संघवाद" के विरुद्ध नहीं है? क्या यह नीति निर्माताओं द्वारा बनाई गई व्यवस्था को बिगाड़ना नहीं है? राजनीतिक लड़ाई की सज़ा अपने प्रदेश की जनता को क्यों दे रहे हैं? विरोध में किस स्तर तक गिरेंगे आप लोग"


ये मुख्यमंत्री नहीं हुए शामिल 
बता दें कि इस बैठक में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री, उपराज्यपाल, पदेन सदस्यों के रूप में केंद्रीय मंत्री और नीति आयोग के उपाध्यक्ष और सदस्य को भी आमंत्रित किया गया है। लेकिन 8 राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने बैठक में आने से इनकार कर दिया। इनमें इनमें दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल, पंजाब के CM भगवंत मान, बंगाल की CM ममता बनर्जी, बिहार के CM नीतीश कुमार, राजस्थान के CM अशोक गहलोत, तमिलनाडु के CM एमके स्टालिन, केरल के CM पिन्नाराई विजयन और ओडिशा के CM नवीन पटनायक शामिल हैं। इस बैठक में आठ प्रमुख विषयों पर चर्चा की जा रही है। जिनमें विकसित भारत, MSME पर जोर, इन्फ्रास्ट्रक्चर और इन्वेस्टमेंट, अनुपालन का बोझ कम करना, महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य और पोषण, कौशल विकास, क्षेत्र के विकास और सामाजिक बुनियादी ढांचे के लिए गति शक्ति शामिल हैं।

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