द फॉलोअप डेस्क:
जामताड़ा जिले के करमाटांड़ के नेंगराटांड़ पहाड़िया गांव में पिछले कुछ दिनों में 6 लोगों की मौत हो गई है। हालांकि, अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि इन लोगों की मौत किस बीमारी के कारण हुई है। मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच करने के लिए गांव पहुंची है। मृतकों में हकीम पुजहर, दुरिया पुहराइन, विवेक कुमार, सरिता पुहराइन, फूल कुमारी पुहराइन और जलेशर पुजहर शामिल हैं।
स्वास्थ्य विभाग कर रहा लोगों के साथ खिलवाड़
गांव के लोगों ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग उन्हें बेहतर इलाज नहीं दे पा रहा है। गांव में डेंगू की अफवाह फैल गई है। स्वास्थ्य विभाग के लोग केवल दवा देकर चले जाते हैं। गांव में करीब आधा दर्जन से अधिक लोग अभी भी बीमार पड़े हुए हैं। इलाज के नाम पर स्वास्थ्य विभाग सिर्फ दवा देकर लोगों के साथ खिलवाड़ कर रहा है। जिसके कारण लोग निजी डॉक्टरों का सहारा ले रहे हैं। निजी डॉक्टर के द्वारा पानी चढ़ाया जाता है इसके साथ सुई भी दी जाती है तब लोग बेहतर होते हैं।
बेचने पड़ रहें हैं मवेशी
सरकार द्वारा कई तरह की योजनाएं चलने के बावजूद पहाड़िया समाज योजनाओं से वंचित हैं। कुछ लोगों के पास आयुष्मान कार्ड है। वहीं अधिकतर लोगों के पास आयुष्मान कार्ड भी नहीं। लोगों ने बताया कि आयुष्मान कार्ड होने का भी कोइ फायदा नहीं है। क्योंकि सड़क सुविधा ना होने के कारण वाहन नहीं पहुंच पाते हैं। जिसके कारण उन्हें अपने मवेशियों को बेच कर निजी डॉक्टर से इलाज कराना पड़ रहा है।
मुख्यालय आने के लिए सड़क सुविधा नहीं
गांव के लोगों के लिए मुख्यालय आने के लिए सुविधा नहीं है। जिससे वहां के लोग सुविधाओं से वंचित हैं। पास में रेल पटरी होने के कारण लोगों को मुख्य सड़क से करमाटांड़ जाने के लिए सड़क सुविधा नहीं मिल पाई। जबकि दूसरी ओर घने जंगलों के बीच से देवघर जिले के करो प्रखंड को जोड़ने के लिए 1 से 2 किलोमीटर की सड़क चाहिए। इसके बावजूद प्रशासन इस पर ध्यान नहीं दे रहा है। बरसात एवं खेती के दिनों में इस गांव में आना दुर्बल हो जाता है। इस गांव में करीब 30 से 40 घर पुजहर समाज के हैं। जिनकी आबादी करीब 100 से 150 के बीच है जो आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है।
गांव में गंदगी का अंबार
गांव में स्वच्छता के साथ-साथ जागरूकता की कमी भी देखी गई है। जिसके कारण गांव में गंदगी का अंबार है। लोग स्वच्छता पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। पानी पीने के लिए सोलरपंप लगा हुआ है। जहां पर लोग गंदे बर्तन भी धो रहे हैं। आसपास मवेशियों के गोबर एवं गंदगी फैली हुई है। जिसके कारण भी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। प्रशासन को इस मुद्दे पर भी गांव के लोगों को जागरूक करने की जरूरत है।