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झारखंड में गरीबों से दूर है आयुष्मान योजना, नहीं मिल रहा लाभ

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द फॉलोअप डेस्कः
यूं तो आयुष्मान कार्ड को लेकर बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं लेकिन धरातल की सच्चाई यही है कि आज भी यह कई लोगों को आसान तरीके से उपलब्ध नहीं है। झारखंड की हालत तो और भी खराब है। यहां 58 फीसदी योग्य लाभुकों को आयुष्मान कार्ड नहीं मिला है। 18 साल के 80 प्रतिशत योग्य लाभुकों के पास आयुष्मान कार्ड नहीं है। 19 से 45 आयु वर्ग के 52 प्रतिशत योग्य लाभुकों के पास आयुष्मान कार्ड है, जबकि 40 से 60 वर्ष आयु वर्ग के 60 प्रतिशत योग्य लाभुकों के पास कार्ड है। सिर्फ 60 वर्ष आयु वर्ग के 52 प्रतिशत योग्य लाभुकों के पास ही आयुष्मान कार्ड उपलब्ध है। आंकड़ों का यह नमूना झारखंड के हजारीबाग जिले का है। हजारीबाग के कई गांव में आयुष्मान कार्ड की उपलब्धता को लेकर सर्वेक्षण किया गया है। दूसरे राज्यों के भी कई गांवों की यही हालत है। यह सर्वे गैर सरकारी संस्था नवभारत जागृति ने कराया है। इस रिपोर्ट की सबसे चिंतनीय पहलू है कि इसमें आर्थिक-सामाजिक रूप से पिछड़े वर्ग के 18 वर्ष तक के योग्य युवा लाभुकों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है, क्योंकि उनका आयुष्मान कार्ड नहीं बन पाया है।  


इन दोनों कारणों से नहीं बन पाता है कार्ड 
आयुष्मान कार्ड नहीं बन पाने के पीछे का कारण यह बताया जा रहा है कि ऐसे लाभुकों का नाम राशन कार्ड में नहीं होता है। दूसरा कारण है कि उनका आधार कार्ड में कुछ ना कुछ गलतियां होती है। यही दोनों वजहों से उनका आयुष्मान कार्ड नहीं बन पाता है। 40 वर्ष से ज्यादा आयु वर्ग के योग्य लाभुकों के 20 प्रतिशत लोगों का आयुष्मान कार्ड इसलिए नहीं बन पाया है, क्योंकि उनका नाम उनके राशन कार्ड और आधार कार्ड में एक जैसा नहीं है। झारखंड के सरकारी सूत्रों के अनुसार, 2.75 करोड़ लोगों को आयुशन योजना से जोड़ने का लक्ष्य है, इसमें 80 फीसदी लोगों को आयुष्मान योजना से जोड़ दिया गया है। 64.50 लाख परिवारों को आयुष्मान कार्ड मिलना है। 

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