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जब पूर्व CM हेमंत सोरेन 40 घंटे तक गायब थे, तब राज्य किसके भरोसे था - प्रतुल शाहदेव

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रांची 

बीजेपी (BJP) के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव (Pratul Shahdev) ने JMM पर पलटवार करते हुए कहा कि जब पूर्व सीएम हेमंत सोरेन 40 घंटे तक गायब थे, तब राज्य किसके भरोसे था। शाहदेव ने आगे कहा कि राज्य में संवैधानिक संकट की स्थिति झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाली सरकार ने पैदा की। प्रतुल ने कहा कि देश के इतिहास में पहली बार शर्मशार करने वाली घटना हुई। जब एक चुना हुआ मुख्यमंत्री कानून के डर से 40 घंटे तक गायब रहा। इस दौरान वह अपने राज्य के किसी भी अधिकारी से भी संपर्क में नहीं था। यानी साढ़े तीन करोड़ जनता को उनके भाग्य के भरोसे छोड़ दिया गया। कहा, राज्यपाल ने विधि सम्मत और कानून सम्मत निर्णय लिया। राजभवन ने चंपई सोरेन की सरकार बनाने के दावे का सम्मान किया। अब इस पर भी JMM को आपत्ति है।

युवा वर्ग के भविष्य से खिलवाड़

प्रतुल ने कहा कि साढ़े छह लाख छात्रों के भविष्य से इस सरकार ने खिलवाड़ किया। 25-25 लाख रुपए में प्रश्न पत्र बेचने की साजिश हुई। अभी तक इस मुद्दे पर कोई एफआईआर नहीं होना और एसआईटी का गठन कर ध्यान बंटाने की कोशिश हो रही है। यह छात्र विरोधी सरकार है। प्रतुल ने कहा की झारखंड मुक्ति मोर्चा इस मुद्दे पर क्यों खामोश रहती है। जाहिर है प्रश्न पत्र लीक का कवर अप ऑपरेशन चल रहा है। कहा कि ऐसे समय में तटस्थ और इमानदार निर्णय लेने की जरूरत है। ताकि युवा वर्ग का भरोसा सरकार पर बना रहे। 

'ये रिश्ता क्या कहलाता है'

प्रतुल ने JMM और कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दिल्ली आवास से BMW की रिकवरी पर अभी तक दोनों दल रहस्यमय तरीके से खामोश हैं। प्रतुल ने जानना चाहा कि धीरज साहू और हेमंत सोरेन के बीच का रिश्ता आखिर क्या कहलाता है। प्रतुल ने जानना चाहा कि क्या इतनी घनिष्ठता थी कि धीरज साहू अपनी गाड़ी हेमंत के गैरेज में रख रहे थे। प्रतुल ने कहा कि इस बात की भी जांच होनी चाहिए कि जो 350 करोड रुपए की रिकवरी धीरज साहू के घर में हुई थी, उसमें हेमंत सोरेन का कितना हिस्सा था।