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बिरहोर की मौत मामले में मानवाधिकार आयोग ने हजारीबाग DC से मांगी रिपोर्ट, क्या है पूरा मामला

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हजारीबाग 

हजारीबाग में 2 बिरहोर की मौत मामले ने तूल पकड़ लिया है। मिली रिपोर्ट में कहा गया है कि जिले के केरेडारी प्रखंड में भारत सरकार की महारत्न कंपनी NTPC के चट्टी बरियातू कोल परियोजना में माइनिंग के प्रभाव से आदिम जनजाति समुदाय के किरणी बिरहोर और बहादुर बिरहोर की मौत हो गयी। इस बाबत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने हजारीबाग उपायुक्त से रिपोर्ट तलब की है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने उपायुक्त हज़ारीबाग़ से 4 बिंदुओं पर 6 सप्ताह के भीतर स्पष्ट रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। लगातार डॉट इन में प्रवीण कुमार की रिपोर्ट के मुताबिक मंटू सोनी की शिकायत और पुलिस अधीक्षक हजारीबाग की जांच रिपोर्ट के आधार पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने उपायुक्त हजारीबाग को पत्र लिखा है। बता दे कि परियोजना अंतर्गत बिरहोर टोला के किरणी बिरहोर की मौत 28 फरवरी और बहादुर बिरहोर की मौत 10 अप्रैल को हुई थी। इसकी शिकायत मानवाधिकार आयोग से की गयी थी। आयोग ने अपनी पड़ताल में पाया कि बिरहोर टोला, पगार में NTPC द्वारा किए जा रहे खनन से प्रदूषण की समस्या लगातार बढ़ी है।

आयोग ने उपायुक्त से चार इन 4 बिंदुओं पर रिपोर्ट देने के लिए कहा है – 


-     बिरहोर टोला, पगार में NTPC की ओऱ से माइनिंग का काम कब से चल रहा है?

-     बिरहोर टोला, पगार के निवासियों के स्वास्थ्य पर किस प्रकार के प्रतिकूल प्रभाव देखे गए हैं?


-    बिरहोर समुदाय किस कारण से NTPC द्वारा निर्मित घरों में स्थानांतरित होने का विकल्प नहीं चुन रहा है और क्या वह स्थान खनन के प्रदूषण से सुरक्षित है?


-     NTPC की ओर से माइनिंग शुरू होने के बाद से कितने लोगों की मृत्यु हुई है और प्रत्येक व्यक्ति की मृत्यु के कारणों की जांच हुई है या नहीं। 

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