रांची
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने झारखंड की नई उत्पाद नीति (शराब दुकानों के संचालन और बंदोबस्ती) पर राज्यपाल को पत्र लिखकर कई अहम सुझाव दिए हैं। उन्होंने हेमंत सरकार से आग्रह किया है कि राज्य में जनसंख्या के अनुपात में आदिवासी, दलित, दिव्यांग और महिलाओं को शराब दुकानों का आवंटन किया जाए।
मरांडी ने कहा कि राज्य सरकार की पिछली दो उत्पाद नीतियों ने न तो राजस्व बढ़ाया और न ही छोटे व्यवसायियों या बेरोजगारों को लाभ दिया। इसके उलट शराब माफियाओं और दलालों ने फायदा उठाया। उन्होंने नई नीति में भी बड़े कारोबारियों के हावी होने की आशंका जताई और कहा कि इससे राज्य का राजस्व प्रभावित होगा और गरीब वर्ग को अवसर नहीं मिल पाएगा।
मरांडी ने केंद्र सरकार की तरह उत्पाद नीति में आरक्षण लागू करने की मांग रखी, जैसे पेट्रोल पंप और गैस एजेंसी के लाइसेंस में दलित, आदिवासी, महिलाएं और दिव्यांगों को प्राथमिकता मिलती है। उन्होंने राज्य में शराब दुकानों के लिए भी ऐसी प्राथमिकता की जरूरत बताई।
इसके अलावा, उन्होंने सुझाव दिया कि एक व्यक्ति या प्रतिष्ठान को पूरे राज्य में केवल एक ही शराब दुकान का संचालन करने की अनुमति होनी चाहिए ताकि छोटे व्यवसायियों को भी मौका मिल सके और भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जा सके।
मरांडी ने यह भी कहा कि सरकार ने हाल ही में निजी क्षेत्रों में राज्यवासियों को 75% आरक्षण का फैसला किया है। इसी तर्ज पर यह नीति शराब दुकानों के आवंटन में भी लागू की जानी चाहिए। उन्होंने राज्यपाल से आग्रह किया कि वे मुख्यमंत्री को इस संबंध में आवश्यक निर्देश दें ताकि नई उत्पाद नीति पारदर्शी और सभी वर्गों के लिए लाभकारी बन सके।