logo

बिरहोर जनजाति की 2 बेटियों ने रचा इतिहास, मैट्रिक पास करने वाली पहली पीढ़ी बनीं 

BIR.jpg

द फॉलोअप डेस्क 
JAC की मैट्रिक परीक्षा 2025 के नतीजों ने इस बार सिर्फ सफलता के आंकड़े नहीं दिए, बल्कि उम्मीद, संघर्ष और बदलाव की एक नई कहानी लिखी है। एक तरफ जहां हजारीबाग के चौपारण प्रखंड के एक मजदूर पिता के बेटे ने 95% अंक हासिल कर क्षेत्र का नाम रोशन किया, वहीं दूसरी ओर इतिहास के पन्नों में पहली बार दर्ज हुआ है बिरहोर जनजाति की 2 बेटियों का मैट्रिक पास  करना।

चौपारण प्रखंड के वनांचल क्षेत्र में बसा छोटा-सा गांव जमुनियातरी आज उल्लास से झूम रहा है। इसी गांव से ताल्लुक रखने वाली आदिम जनजाति बिरहोर समुदाय की 2 बेटियां  किरण कुमारी (पिता- रोहन बिरहोर) और चानवा कुमारी (पिता- विशुन बिरहोर) ने वो कर दिखाया है जो पहले कभी नहीं हुआ। किरण ने 409 अंक (लगभग 80%) और चानवा ने 332 अंक (लगभग 66%) प्राप्त कर न केवल प्रथम श्रेणी में परीक्षा पास की, बल्कि अपने समुदाय के लिए एक नई राह की शुरुआत की है।

दोनों छात्राएं कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय, चौपारण में पढ़ाई कर रही थीं। यह स्कूल उनके लिए सिर्फ एक शैक्षणिक संस्थान नहीं, बल्कि सपनों का पुल बना, जिसने उन्हें अंधेरे से निकालकर रोशनी की ओर बढ़ाया। यह उपलब्धि सिर्फ एक परीक्षा पास करने की नहीं है, यह सामाजिक बेड़ियों को तोड़कर आगे बढ़ने का संकेत है। बिरहोर समुदाय, जिसे अक्सर पिछड़े और हाशिए पर समझा जाता है, अब गर्व से सिर ऊंचा कर सकता है। 
गांव में उत्सव का माहौल है। स्थानीय लोग इसे "नई पीढ़ी के जागरण" की शुरुआत मान रहे हैं। एक बुजुर्ग ने भावुक होकर कहा, “हमने कभी सोचा नहीं था कि हमारे घर की बेटियां भी पढ़-लिख सकती हैं। अब हम भी सपने देखने लगे हैं।” किरण और चानवा अब सिर्फ 2 नाम नहीं हैं वे एक आंदोलन का प्रतीक हैं। उनका संघर्ष और सफलता यह दिखाते हैं कि सही अवसर, शिक्षा और संकल्प हो तो कोई भी सीमा रोके नहीं रख सकती।


 

Tags - Jharkhand News Hazaribagh News Hazaribagh Latest News Birhor Tribe Matric Pass