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नाबालिग की हिरासत में पिटाई और घूस पर हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान, राज्य सरकार से जवाब तलब

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रांची 
झारखंड हाईकोर्ट ने लातेहार जिले में एक नाबालिग की कथित पुलिस हिरासत में पिटाई और उसकी मां से रिश्वत की मांग के गंभीर आरोप पर स्वतः संज्ञान लिया है। यह मामला लातेहार के महुआडांड़ थाना क्षेत्र का है, जहां 1 अप्रैल को हामी गांव निवासी 15 वर्षीय दुर्गेश महतो की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। उसका शव एक खेत में बिजली के गिरे तार के पास मिला था। स्थानीय लोगों ने आशंका जताई थी कि दुर्गेश की मौत बिजली का तार गिरने से हुई, जिसके विरोध में उन्होंने सड़क जाम भी किया था।
हालांकि, मृतक की मां मुनु देवी ने पुलिस को दिए आवेदन में दावा किया कि दुर्गेश की हत्या तीन-चार लोगों ने मिलकर पिटाई करने के बाद की। मुनु देवी ने यह भी आरोप लगाया कि गांव की एक महिला सावित्री देवी ने उन्हें धमकाया था कि अगर दुर्गेश नहीं सुधरा तो उसकी हत्या कर दी जाएगी।


पुलिस ने इस मामले में सावित्री देवी के नाबालिग बेटे को हिरासत में लिया। सावित्री देवी ने कोर्ट में दायर रिट याचिका में आरोप लगाया कि उनके बेटे को महज संदेह के आधार पर दो दिन तक बेरहमी से पीटा गया। तीसरे दिन जब उन्होंने बेटे को छुड़ाने की कोशिश की तो थाना प्रभारी बादल दास ने 2.5 लाख रुपये की रिश्वत मांगी। आरोप है कि रिश्वत नहीं देने पर बच्चे को फिर पीटा गया।
झारखंड हाईकोर्ट की खंडपीठ, जिसकी अध्यक्षता जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय कर रहे हैं, ने इस पूरे मामले पर स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 24 जून को निर्धारित की है।

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