डेस्क:
श्रीलंका(Sri lanka) के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ( Gotabayaa rajpakshe)) आर्थिक संकट(Economic crisis) को लेकर भारी विरोध-प्रदर्शन(Protest march) के बीच मालदीव(Maldive) भाग गए है। आज उन्हें अपने पद से इस्तीफा(Resigination) देना था। वे एक सैन्य जेट(Army jet) से अपनी पत्नी के साथ देश छोड़कर भाग गए हैं। अंतराष्ट्रीय मीडिया(International media) संस्थान बीबीसी(BBC) के मुताबिक़ 73 साल के गोटाबाया राजपक्षे मालदीव की राजधानी माले में बुधवार को स्थानीय समय 03:00 बजे पहुँचे हैं। शनिवार को श्रीलंका के आम लोगों ने राष्ट्रपति भवन पर धावा बोल दिया था और गोटाबाया राजपक्षे को छुपना पड़ा था।गोटाबाया ने आज यानी 13 जुलाई को इस्तीफ़ा देने की घोषणा की थी। सूत्रों ने बताया है कि गोटाबाया राजपक्षे के भाई और पूर्व वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे(Basil rajpakshe) ने भी देश छोड़ दिया है। बासिल के अमेरिका(America) जाने की बात कही जा रही है।
खबर सुनकर लोगों ने मनाया जश्न
राष्ट्रपति के देश से भागने की ख़बर आने के बाद गॉल फ़ेस ग्रीन में लोगों ने जश्न मनाया। गॉल श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में विरोध-प्रदर्शन का मुख्य ठिकाना है। मंगलवार की शाम हज़ारों लोग गॉले पार्क में जमा हो गए थे और राष्ट्रपति के इस्तीफ़े का इंतज़ार कर रहे थे।श्रीलंका के लोग राजपक्षे शासन को देश में आर्थिक तबाही का ज़िम्मेदार मानते हैं। श्रीलंका दशकों बाद सबसे भयावह आर्थिक संकट से जूझ रहा है।
राष्ट्रपति रहते नहीं हो सकते थे गिरफ्तार
कहा जा रहा है कि राष्ट्रपति गोटाबाया ने इस्तीफ़े से पहले देश छोड़ने का फैसला किया ताकि नया प्रशासन उन्हें गिरफ़्तार नहीं कर सके। राष्ट्रपति रहते उन्हें गिरफ़्तार नहीं किया जा सकता था।
पीएम रनिल विक्रमसिंघे के हाथों में कार्यभार
संविधान के अनुसार प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंघे राष्ट्रपति के नहीं होने की भूमिका में उसकी शक्तियों का इस्तेमाल करेंगे। प्रधानमंत्री को संसद में राष्ट्रपति के डेप्युटी के तौर पर देखा जाएगा। हालाँकि श्रीलंका में विक्रमसिंघे भी काफ़ी अलोकप्रिय हैं। शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने विक्रमसिंघे के निजी आवास में आग लगा दी थी। विक्रमसिंघे ने कहा है कि वह एक मिलीजुली सरकार के लिए इस्तीफ़ा देने को तैयार हैं। हालाँकि उन्होंने कोई तारीख़ नहीं बताई है।