द फॉलोअप डेस्क
गुजरात के अहमदाबाद में हाल ही में हुए विमान हादसे ने एक बार फिर भारत के सबसे बड़े हवाई हादसे की यादें ताजा कर दी हैं। 28 साल पहले हरियाणा के चरखी दादरी में जो हुआ था, वह सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि भारतीय एविएशन इतिहास का सबसे काला दिन बन गया था।
12 नवंबर 1996 की शाम थी। हरियाणा के चरखी दादरी में आसमान में एक ऐसा मंजर दिखा, जिसने देश ही नहीं, पूरी दुनिया को हिला दिया। सऊदी अरब एयरलाइंस का एक विमान और कजाकिस्तान एयरलाइंस का एक अन्य विमान हवा में ही टकरा गए। यह टक्कर करीब 14 हजार फीट की ऊंचाई पर हुई, और इसके बाद जो हुआ वो दिल दहला देने वाला था।
मलबा 10 किलोमीटर तक बिखरा, शवों की पहचान तक नहीं हो पाई
टक्कर के बाद दोनों विमानों का मलबा लगभग 10 किलोमीटर के दायरे में गिरा। गांव टिकाण कलां के खेतों में एक विमान का बड़ा हिस्सा crash हुआ। चरखी दादरी का सरकारी अस्पताल शवों के लिए छोटा पड़ गया। 349 लोगों की इस हादसे में जान गई, जिनमें से 84 शवों की पहचान आज तक नहीं हो पाई।
कौन थे सवार?
मृतकों में 231 भारतीय नागरिक, 18 सऊदी अरब, 9 नेपाल, 3 पाकिस्तान, 2 अमेरिका और 1 ब्रिटिश नागरिक शामिल थे। हादसे के बाद पूरे इलाके में सन्नाटा छा गया था। गांवों में भय और मातम का माहौल था जो कई महीनों तक रहा।
कैसे हुआ यह हादसा?
कजाकिस्तान का यात्री विमान दिल्ली एयरपोर्ट से उड़ान भर चुका था, जबकि सऊदी एयरलाइंस का मालवाहक विमान दिल्ली में लैंडिंग की तैयारी कर रहा था। एयर ट्रैफिक कंट्रोल की हिदायतों के बावजूद कजाक विमान निर्धारित ऊंचाई से नीचे आ गया, और 14,000 फीट की ऊंचाई पर दोनों विमानों की आमने-सामने टक्कर हो गई।
दुनिया के 10 सबसे बड़े विमान हादसों में शामिल
इस हादसे को न केवल भारत का बल्कि दुनिया का भी एक प्रमुख विमान हादसा माना जाता है। सुरक्षा मानकों, एयर ट्रैफिक कम्युनिकेशन और फ्लाइट ऑपरेशन पर इस हादसे के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई सवाल उठे।