द फॉलोअप डेस्क
झारखंड की क्षेत्रीय भाषाओं की सूची और जनहित मुद्दों को लेकर भारतीय जनता पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने आज राजभवन पहुंचकर राज्यपाल से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने राज्य सरकार पर आदिवासियों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि जो सरकार खुद को आदिवासियों की हितैषी बताती है, वही आदिवासियों की भाषा और पहचान को दरकिनार कर रही है।
बीजेपी नेताओं ने खास तौर पर मुंडारी भाषा को खूंटी जिले की क्षेत्रीय भाषा की सूची में शामिल न किए जाने पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि बिरसा मुंडा के नाम पर राजनीति करने वाली सरकार को मुंडारी जैसी आदिवासी भाषाओं से परहेज क्यों है?
इस दौरान रातू रोड फ्लाईओवर का नामकरण भी चर्चा का विषय बना। नेताओं ने मांग की कि छोटानागपुर के राजा रहे मदरा मुंडा के नाम पर इस फ्लाईओवर का नाम रखा जाए। प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से अनुरोध किया कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को ध्यान में रखते हुए इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाया जाए।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल भानु प्रताप शाही ने कहा, राज्य सरकार छात्रों की स्कॉलरशिप जैसी मूलभूत चीजों पर ध्यान नहीं दे रही। उन्होंने बीएड और वोकेशनल कोर्स करने वाले छात्रों को स्कॉलरशिप न मिलने का मुद्दा भी उठाया।
अमर बाउरी ने बताया कि इस प्रतिनिधिमंडल में पलामू प्रमंडल, उत्तर और दक्षिण छोटानागपुर और संथाल क्षेत्र के प्रतिनिधि शामिल हुए। उन्होंने कहा कि चंदनकियारी में बना राज्य का पहला इंजीनियरिंग कॉलेज अब तक उद्घाटन का इंतजार कर रहा है। वहीं, अनुबंध पर कार्यरत अभिभूत कॉलेजों के शिक्षकों और प्रदेश में बिगड़ते लॉ एंड ऑर्डर को लेकर भी चिंता जताई गई।
अमित मंडल ने सरकार पर हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया और कहा कि जब हिंदुओं पर अत्याचार होता है तो सरकार चुप क्यों रहती है।
जेटेट की नियमावली को लेकर भी नेताओं ने सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि 2023 से पारित सूची को अब गलत ठहराया जा रहा है। अंगिका, भोजपुरी, मुंडारी और कुलमाड़ी जैसी भाषाओं के साथ भी सरकार दोहरा रवैया अपना रही है। बीजेपी ने राज्यपाल से इन सभी विषयों पर संज्ञान लेने और उचित कार्रवाई करने की मांग की है।