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लोकसभा विशेष : ममता भुइयां की इंट्री से दिलचस्प हुआ पलामू सीट का चुनावी रण, RJD के दांव से मुश्किल में बीडी राम

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द फॉलोअप डेस्क, रांची:

पलामू लोकसभा सीट पर मुकाबला दिलचस्प हो गया है। 2 बार से सांसद बीजेपी के बीडी राम को मात देने के लिए आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने उन्हीं के तरकश से निकाला हुआ तीर इस्तेमाल करने का मन बना लिया है। पलामू में बीडी राम को इंडिया गठबंधन की प्रत्याशी ममता भुइयां टक्कर देंगी। विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है कि पलामू सीट पर ममता भुइयां ही आरजेडी की तरफ से इंडिया की प्रत्याशी होंगी। राष्ट्रीय जनता दल के पलामू जिलाध्यक्ष मोहन विश्वकर्मी ने भी इस बात की पुष्टि कर दी है। 

मीसा भारती के साथ ममता भुइयां

इंडिया गठबंधन की उम्मीदवार होंगी ममता भुइयां
बकौल मोहन विश्वकर्मा, ममता भुइयां पलामू में पार्टी की तरफ से इंडिया गठबंधन की उम्मीदवार होंगी। आरजेडी ने चुनाव की तैयारी पूरी कर ली है। सीट शेयरिंग को लेकर औपचारिक ऐलान होना बाकी है कि लेकिन कन्फर्म है कि पलामू में ममता भुइयां ही बीडी राम को टक्कर देंगी। ममता भुइयां, पलामू के मेदिनीनगर की रहने वाली है। वह पहले भारतीय जनता पार्टी में थीं। कहा जा रहा है कि वहां उचित सम्मान नहीं मिलने की वजह से उन्होंने मन बदला और आरजेडी ज्वॉइन कर ली। आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव और सांसद मीसा भारती की मौजूदगी में ममता भुइयां ने पार्टी ज्वॉइन किया।

 

पलामू के मेदिनीनगर की रहने वाली हैं ममता भुइयां
सूत्रों के मुताबिक, ममता भुइयां की पहचान पलामू संसदीय क्षेत्र में जुझारू, संवेदनशील और जनपक्षीय राजनीति करने वाली नेता के रूप में रही है। ममता भुइयां को उम्मीद थी कि तकरीबन हर चुनावी सभा में महिला सशक्तिकरण की बात कहने वाले प्रधानमंत्री, पलामू में प्रत्याशी के रूप में उनके नाम पर विचार करेंगे। बीजेपी महिला आरक्षण की हिमायती है। उज्जवला सहित अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं के जरिए महिला सशक्तिकरण की दिशा में सकारात्मक काम करने का दावा करती है। चुनावी राजनीति में महिलाओं के लिए 33 फीसदी  आरक्षण का बिल भी लाई है। ऐसे में उम्मीद थी कि बीजेपी पलामू में मौका देगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बीडी राम ही प्रत्याशी बनाये गये। इधर, ममता भुइयां के समर्थक उनसे लगातार चुनाव लड़ने का आग्रह कर रहे थे। क्षेत्र की महिलायें भी चुनाव लड़ने पर जोर डाल रही थीं।

सूत्रों के मुताबिक ममता भुइयां का कहना है कि मुझे चुनाव लड़ना ही  था। समर्थकों का आग्रह था। ऐसे में मैं सोच रही थी कि किस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ना सही रहेगा। तब मुझे लालूजी नजर आये। मुझे आरजेडी ही वह पार्टी दिखी जो दलित, वंचित, शोषित, अल्पसंख्यक और गरीबों के हक और हूकुक की राजनीति करती है। फिर मैंने आरजेडी ज्वॉइन करने का फैसला किया और चुनाव लड़ने को तैयार हूं।

वरीय आरजेडी नेताओं के साथ ममता भुइयां 

बीडी राम के खिलाफ पलामू में एंटी इन्क्बेंसी
गौरतलब है कि पलामू से चुनाव लड़ने के ममता भुइयां के फैसले ने बीजेपी और बीडी राम की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। ममता भुइयां को हल्के में लेना बीजेपी के बीडी राम को भारी पड़ सकता है। कई मसले ऐसे हैं जिसके आधार पर कहा जा सकता है कि पलामू में ममता भुइयां डार्क हॉर्स साबित होंगी। एक ऐसी शख्सियत जिसपर, बीजेपी जैसी पार्टी ने दांव लगाना उचित नहीं समझा और उसी ने बाजी पलट दी। इसकी कई वजहे हैं। दरअसल, 10 साल से पलामू का प्रतिनिधित्व कर रहे बीडी राम के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर है। लोगों को ऐसा लगता है कि बीडी राम ने क्षेत्र को पर्याप्त समय नहीं दिया। उनसे न तो मिले और ना ही समस्याएं सुनीं। समाधान की तो बात ही कौन करे। बीडी राम को पलामू में अंदरखाने की विरोध का सामना करना पड़ रहा है।

पलामू में बीजेपी कार्यकर्ता ही बीडी राम के नाम पर सहमत नहीं हैं। पूरा पलामू बीडी राम के खिलाफ नारेबाजी वाले बैनर और पोस्टर से पटा हुआ है। 19 मंडल अध्यक्षों ने बकायदा, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को चिट्ठी लिखकर पलामू में प्रत्याशी बदलने की मांग की है। मंडल अध्यक्षों की शिकायत है कि पिछले 10 साल में बीडी राम ने बमुश्किल ही कभी उनसे संवाद किया है। शायद ही कभी उनका सम्मान किया है। वह कार्यकर्ताओं की शिकायतें और भावना से अवगत भी नहीं होते। कार्यकर्ता कह रहे हैं कि यदि बीडी राम ही चुनाव लड़े तो वे उनके पक्ष में प्रचार करने में सहज नहीं है। अब बिना कार्यकर्ता के नेता का क्या महत्व। 

बीडी राम के लिए मुश्किलें खड़ी करेंगी ममता भुइयां
इधर, ममता भुइयां के पक्ष में कई चीजें हैं। पहला तो यही कि बीडी राम को जनता से सत्ता विरोधी लहर और कार्यकर्ताओं की नाराजगी और असहमति का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, ममता भुइयां के समर्थक उत्साहित हैं जिनमें बड़ी संख्या महिलाओं की है। ममता भुइयां को यहां इंडिया गठबंधन के घटक दलों का पूरा साथ और समर्थन मिलेगा। उनकी ताकत बढ़ेगी। ममता भुइयां चूंकि महिला उम्मीदवार हैं और कांग्रेस ने महिलाओं के लिए कई बड़े ऐलान किये हैं। मसलन, घरेलू कामकाजी महिलाओं के खाते में 1 लाख रुपये सालाना जमा करना और सरकारी नौकरी में 50 फीसदी आरक्षण। ममता भुइयां को इसका फायदा मिलेगा। कुल जमा बात ये है कि ममता भुउयां की उम्मीदवारी से पलामू में मुकाबला दिलचस्प हो गया है। बीडी राम के लिए सब आसान नहीं होने वाला।