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नजरिया : मंईयां सम्मान योजना न सिर्फ महिलाओं को सुरक्षा देती है, बल्कि बाजार की आर्थिक गति को भी बढ़ावा देती है 

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हेमंत सोरेन, मुख्यमंत्री, झारखंड
मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना (JMMSY) का शुभारंभ हमारे राज्य में महिलाओं के सशक्तिकरण और ग्रामीण आर्थिक सुधार की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। इस योजना के तहत, 18 से 50 वर्ष की 56 लाख महिलाओं को हर महीने ₹2500 दिए जाएंगे। यह योजना दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी के शोषणकारी साहूकारी प्रथाओं के खिलाफ संघर्ष की विरासत को आगे बढ़ाती है।

झारखंड की अनूठी सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि
झारखंड ने दशकों तक साहूकारों की शोषणकारी प्रथाओं का प्रभाव देखा है, जो खासतौर पर महिलाओं को गरीबी और कर्ज के जाल में फंसा देता था। 1970 के दशक में शिबू सोरेन जी के नेतृत्व में साहूकारी प्रथाओं के खिलाफ चले आंदोलन ने यह दिखाया कि कैसे अनौपचारिक कर्ज ने कई परिवारों को गरीबी में धकेला और उनके पूर्वजों की भूमि छीन ली।

मंईयां सम्मान योजना इसी वित्तीय मुक्ति संघर्ष का नया अध्याय है, जो महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता पर केंद्रित है।
योजना की मुख्य विशेषताएं
1.    सभी महिलाओं के लिए योजना:
यह योजना सभी पात्र आयु वर्ग की महिलाओं को कवर करती है, चाहे उनकी आर्थिक स्थिति कुछ भी हो। इससे लाभ वितरण में होने वाली त्रुटियों और सरकारी सहायता के साथ जुड़ी कलंक भावना को समाप्त किया गया है।
2.    आर्थिक स्वतंत्रता में वृद्धि:
प्रति महिला ₹2,500 मासिक और ₹30,000 वार्षिक मदद, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में, महिलाओं के वित्तीय सशक्तिकरण में एक बड़ा योगदान देगी।
3.    पारिवारिक कल्याण में सुधार:
शोध बताते हैं कि महिलाओं को धन मिलने पर वे इसे परिवार की सेहत, शिक्षा और पोषण में निवेश करती हैं। इस योजना का प्रभाव सिर्फ महिलाओं तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह झारखंड की आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को भी उज्जवल बनाएगा।
4.    वित्तीय समावेशन:
इस योजना के तहत महिलाओं के बैंक खाते खोले जा रहे हैं। इससे महिलाओं को औपचारिक कर्ज की सुविधा मिलेगी, उनका क्रेडिट इतिहास बनेगा और साहूकारों का प्रभाव कम होगा।

महामारी के बाद का संदर्भ
कोविड-19 महामारी के दौरान महिलाओं को रोजगार और आय के अवसरों में असमान रूप से नुकसान हुआ। यह योजना न केवल महिलाओं को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है, बल्कि स्थानीय बाजारों में उपभोक्ता खर्च बढ़ाकर आर्थिक विकास को भी गति देती है।

वित्तीय और सामाजिक लाभ
इस योजना को खर्च के बजाय निवेश के रूप में देखा जाना चाहिए।
•    स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा में सुधार भविष्य में सरकारी खर्च को कम करेगा।
•    उपभोक्ता खर्च बढ़ने से कर राजस्व और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

सशक्तिकरण का नया दृष्टिकोण
यह योजना महिलाओं को अपने परिवारों के लिए स्वतंत्र निर्णय लेने का अधिकार देती है। नियमित आय से महिलाएं अपने भविष्य की योजना बना सकती हैं, बचत कर सकती हैं और निवेश कर सकती हैं।
महिला योगदान का सम्मान
झारखंड की महिलाएं घरेलू कार्यों, बाल देखभाल और कृषि कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। लेकिन उनके इन प्रयासों को कभी आर्थिक मान्यता नहीं मिली। यह मासिक सहायता उनके योगदान को मान्यता देते हुए उन्हें आर्थिक स्वतंत्रता का अवसर देती है।
तकनीकी और पर्यावरणीय लाभ
डिजिटल लेन-देन के माध्यम से पारदर्शिता सुनिश्चित की गई है। साथ ही, महिलाओं को डिजिटल साक्षरता में प्रशिक्षित कर उन्हें आधुनिक अर्थव्यवस्था के लिए तैयार किया जा रहा है।
चुनौतियां और प्रतिबद्धता
इस योजना को सफल बनाने के लिए सुचारु वितरण, पारदर्शिता और प्रभाव का आकलन बेहद महत्वपूर्ण है। सरकार लगातार योजना की समीक्षा और सुधार के लिए प्रतिबद्ध है।
मंईयां सम्मान योजना केवल एक सरकारी योजना नहीं है; यह झारखंड की महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण और एक न्यायपूर्ण समाज की नींव रखने का प्रतीक है।


(नोट- हेमंत सोरेन का ये आलेख अंग्रेजी दैनिक हिंदुस्तान टाइम्स में प्रकाशित हुआ है)

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