अयोध्यानाथ मिश्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल के प्रथम (2025-26) आम बजट में देश के सभी आर्थिक हित पक्षों अर्थात उपभोक्ता, उत्पादक समूह, कृषि, उद्योग, एमएसएमई, व्यवसाय, रक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य, अव संरचना, सहकार सहित सभी के लिए समेकित विकास का द्वार खोल दिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा लोकसभा में 50.65 लाख करोड़ के भारी-भरकम बजट में 'सबके साथ और सबके विकास' की बेहतर रूपरेखा खींचने का प्रयास किया गया है। एक ओर रक्षा पर जहां 8% विनियोजन की बात की गई है तो राज्यों को केंद्रीय करों में 22% की हिस्सेदारी, वित्त आयोग की अनुशंसा पर राज्यों को 8% तथा सब्सिडीज पर 6% का उपबंध किया गया है।
बजट में दी गई प्रत्यक्ष कर में अपेक्षित छूट से मध्यम वर्ग के लोगों को जहां उल्लेखनीय राहत समझ में आ रही है वहीं इसका प्रत्यक्ष लाभ बाजार संतुलन, कर संग्रह और लघु निवेश के क्षेत्र में होगा। इसी के साथ कर जमाखोरों, कालाबाजारियों के मामले में बजट मुखर होता तो बाजार में और संतुलन आता। कृषि उत्पादन को विशेष आर्थिक बनाने एवं कम लागत में अधिक उत्पादन की दिशा में तकनीक और आर्थिक समर्थन का संकेत करता है। नगदी फसल तिलहन, दलहन मिलेट्स और कृषि के सहायक मत्स्य पालन पशुपालन को बढ़ावा से किसानों एवं श्रमजीवियों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। साथ ही इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर युवा शक्ति को रोजगार का अवसर मिलेगा।
नेशनल मैन्युफैक्चरिंग मिशन का गठन इस क्षेत्र का दूरगामी प्रकल्प ई-श्रम पोर्टल, 1 लाख करोड़ का अर्बन चैलेंगे फंड, 120 एयरपोर्ट और और 88 को शहरों से जोड़ने, लघु खनिज को तकनीकी समर्थन से आर्थिक बनाने, प्रशिक्षण योजना, परमाणु ऊर्जा पर बेहतर विनियोग प्रतिभा को रोजगार से जोड़ने का उत्कृष्ट उपक्रम कहा जाएगा। बजट महिला शक्ति के सर्वतोंमुखी उन्नयन के लिए प्रतिबद्ध दिखाई देता है। अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के महिलाओं की ऊर्जा को नई योजनाओं से जोड़ना, आर्थिक क्रियाकलापों से संबंध करना, 100 जिलों में धन-धान्य योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का उपयोगी साधन सिद्ध होगा। एमएसएमई की ऋण सीमा को 5 से 10 करोड़ किया जाना स्टार्टअप के लिए 10 करोड़ का उपबंध उत्पादन और बाजार को मजबूत करेगा तथा रोजगार देगा। इसी के साथ जो सबसे प्रभावी घोषणा बजट से परिलक्षित हो रही है वह है युवा प्रतिभा के उन्नयन के लिए मेडिकल के 75 000 तथा आईआईटी में 65000 सीटों की वृद्धि। इसके लिए चिकित्सा और तकनीकी संस्थानों के बृहत्तर विस्तार की भी योजना सामने आती है।
बजट में राज्यों के लिए डिवॉल्यूशन की राशि में भी वृद्धि देखी जा रही है। इसके साथ 14.22 लाख करोड़ से अधिक राशि का उपबंध है। राज्यों के लिए केंद्र प्रायोजित योजनाओं के मद में 5.41 लाख करोड़ तो वित्त आयोग की अनुशंसा से 1.32 लाख करोड़ से अधिक राशि दिए जाने की बात बजट बता रहा है। वित्त मंत्री ने सभी प्रकार के घाटा को नियंत्रित किया है। एक ओर राजकोषीय घाटा 4.4% पर लाने की बात है तो राजस्व घाटा और प्राथमिक घाटा को भी संसीमित करने का लक्ष्य बजट में है। खेलो इंडिया एकलव्य मॉडल स्कूल पर्यटक सर्किटो के लिए भारी प्रावधान रेल अव संरचना में तीव्र वृद्धि तथा पीएमजीएसवाई में भारी वृद्धि अव संरचना के क्षेत्र को विस्तारित करेगा। सबसे बड़ी बात कि बिना किसी नए कराधान और ऋणग्राहिता क्षेत्र में बढ़ोतरी के बावजूद अपने संसाधनों की अभिवृद्धि के माध्यम से बजट को प्रगतिशील और सर्वग्राही बनाने का उपक्रम सराहनीय कहा जाएगा। बजट 2025 -26 निश्चित रूप से अगले 10 वर्षों के लिए बहुआयामी विकास का बेहतर संकेतक है।
(लेखक सामाजिक-आर्थिक एवं संसदीय अध्ययन केंद्र के सचिव हैं)