द फॉलोअप डेस्क
ईरान की महिला एक्टिविस्ट और पत्रकार नरगिस मोहम्मदी को शांति का नोबल पुरस्कार दिया गया है। शांति मेंं नोबल पुरस्कार पाने वाली नरगिस 19वीं महिला हैं। नोबल पुरस्कार कमेटी ने माना कि नरगिस मोहम्मदी ने महिलाओं की आजादी के लिए लंबे समय तक आवाज उठाई है। उन्होंने ईरान की महिलाओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ काफी लड़ाई लड़ी है। 51 साल की नरगिस की संघर्ष की कहानी बहुत लंबी है। उन्हें 31 साल की जेल और 154 कोड़े की सजा सुनाई गई थी। इतना ही महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार पर आवाज उठाने के कारण उन्होंने 8 साल तक अपने बच्चे को नहीं देखा लेकिन फिर भी उन्होंने हौसला कम होने नहीं दिया। तो आईए जानते हैं इस नोबेल शांति पुरस्कार विजेता नरगिस की कहानी...
31 साल से काट रहीं सजा
नरगिस मोहम्मदी का जन्म 21 अप्रैल 1972 में कुर्दिस्तान ईरान के जंजन शहर में हुई थी। पढ़ाई पूरी करने के बाद नरगिस मोहम्मदी ने इंजीनियर के तौर पर काम किया। इसके साथ साथ वह कॉलमनिस्ट भी रहीं। उन्होंने कई अखबारों के लिए लिखने का काम किया।1990 के दशक से ही नरगिस महिलाओं के हक के लिए आवाज उठा रही थीं। बता दें कि नोबेल प्राइज की वेबसाइट के मुताबिक, नरगिस मोहम्मदी ईरानी मानवाधिकार कार्यकर्ता और डिफेंडर ऑफ ह्यूमन राइट्स सेंटर (DHRC) की उपाध्यक्ष हैं। पिछले 3 दशक में नरगिस को उनके आंदोलनों और लेखन के लिए 13 बार गिरफ्तार किया गया है। उनके संघर्ष के लिए काफी कीमत चुकानी पड़ी। उन्होंने महिलाओं के अधिकार के लिए कई सारे आंदोलन किए हैं। इसके लिए उन्हें कई बार सजा सुनाई गई। आखिर बार उन्हें 10 साल की सजा सुनाई गई थी। अभी वह तोहरान की एविन जेल में बंद हैं और 8 साल जेल में काट चुकीं हैं। बता दें कि नरगिस को 5 बार दोषी ठहराया गया। इस साल नरगिस पर तीन नए केस दायर किए गए है। जिस कारण उनकी सजा भी बढ़ सकती है।
8 साल से अपने बच्चों को नहीं देखा
बता दें कि 31 साल की जेल और 154 कोड़े भी नरगिस के इरादे को नहीं बदल पाई। सरकार के इस रवैये के चलते इंजिनियर नरगिस का प्रोफेशनल करियर खत्म हो चुका है। ईरान में सरकार के खिलाफ प्रोपेगैंडा फैलाने के आरोप में नरगिस को गिरफ्तार किया गया है। जिसकी सजा वो काट रही है। एक इंटरव्यू में नरगिस बता चुकी हैं कि वे लंबे समय से अपने परिवार के कई सदस्यों से नहीं मिली है। हैरान करने वाली बात ये है कि उन्होंने 8 साल से अपने बच्चों को देखा तक नहीं है। उन्होंने आखिरी बार अपनी जुड़वां बेटियों अली और कियाना की आवाज एक साल पहले सुनी थी। नरगिस दोनों बेटियां उनके पति तागी रहमानी के साथ फ्रांस में रहती हैं। बता दें कि नरगिस के पति तागी रहमानी भी एक एक्टिविस्ट है।
प्रताड़ना से मैं मजबूत हो रही हूं
बता दें कि इतना अत्याचार सहने के बाद भी नरगिस के हौसले बुलंद है। उन्होंने अप्रैल में एक टेलीफोन इंटरव्यू ने बताया था कि मुझे जितना पताड़ित किया जा रहा है, मैं उतनी ही मजबूत होती जा रही हूं। यह जंग तबतक जारी रहेगी, जबतक हम लोकतंत्र और आजादी पा नहीं लेते। मैं हररोज खिड़की के पास बैठती हूं। हरियाली देखती हूं और आजाद ईरान का सपना भी देखती हूं।
हमारे वाट्सअप ग्रुप से जुड़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें : https://chat.whatsapp.com/FUOBMq3TVcGIFiAqwM4C9N