द फॉलोअप डेस्क
बिहार सरकार ने राज्य की बढ़ती जनसंख्या और भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए दो नए जैविक उद्यान (Zoo) स्थापित करने का निर्णय लिया है। इसे लेकर पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रेम कुमार ने बुधवार को एक समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिया। इसमें उन्होंने कहा कि अधिकारी एक समिति गठित करें, फिर उत्तर और दक्षिण बिहार में नए जैविक उद्यानों के लिए उपयुक्त स्थानों की पहचान करें।
इको-टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा
इस दौरान मंत्री ने कहा कि तमिलनाडु की जनसंख्या केवल 8 करोड़ है और वहां 4 जैविक पार्क हैं। जबकि बिहार में केवल 2 जैविक पार्क हैं — पटना का संजय गांधी जैविक पार्क और राजगीर जू सफारी। ऐसे में राज्य की जनसंख्या को देखते हुए 2 और जैविक पार्कों की आवश्यकता है।
उन्होंने यह भी बताया कि ये नए जैविक उद्यान बिहार में इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के साथ-साथ राज्य की समृद्ध वन्यजीव धरोहर के संरक्षण और सुरक्षा में मदद करेंगे। ये पार्क शैक्षिक केंद्र के रूप में कार्य करेंगे, जहां लोगों को पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता और पर्यावरण को बचाने के महत्व के बारे में जागरूक किया जाएगा।वन्यजीवों के संरक्षण के लिए सरकार ने किया सक्रिय रूप से काम
मंत्री कुमार ने आगे कहा कि बिहार सरकार ने इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने और वन्यजीवों के संरक्षण के लिए सक्रिय रूप से काम किया है। राज्य के पहले जू सफारी, जो राजगीर में 2021 में स्थापित हुआ था, ने अब तक 9 लाख से अधिक पर्यटकों को आकर्षित किया है। सरकार ने गया, जमुई और अररिया जैसे जिलों में जैव विविधता पार्क भी स्थापित किए हैं। इसके अलावा, थावे (गोपालगंज), मंदार (बांका) और बिरपुर (सुपौल) में जैव विविधता पार्कों का निर्माण कार्य चल रहा है।
इसके अलावा मंत्री ने कहा कि ककोलत जलप्रपात पर सार्वजनिक सुविधाएं और पार्क विकसित किए गए हैं। साथ ही शहरी विकास विभाग ने 224 पार्कों को अपने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग को सौंपा है, जहां इन्हें विकसित और सुंदर बनाने का काम किया जा रहा है।