द फॉलोअप डेस्क:
भागलपुर के नवगछिया में एक दामाद ने खुद के अपहरण और हत्या की साजिश रची। इतना ही नहीं! आरोपी के भाई ने उसकी पत्नी और ससुराल वालों पर झूठा मुकदमा भी दर्ज करा दिया। एक बार तो बिहार पुलिस को भी लगा कि यह अपहरण का मामला है और उन्होंने तुरंत कार्रवाई की लेकिन, इसके बाद जो कहानी सामने आई वो ये कि अब मेहमानों की आव-भगत ससुराल वाले नहीं बल्कि पुलिसकर्मी कर रहे हैं।
24 घंटे में साजिशकर्ता को किया गिरफ्तार
नवगछिया एसडीपीओ ओम प्रकाश ने प्रेस वार्ता में बताया कि 12 अप्रैल को नवगछिया थानाक्षेत्र के नयाटोला निवासी विजय कुमार गुप्ता ने आवेदन दिया था। इसमें उसने बताया कि उसके भाई का उसके ससुराल वालों ने अपहरण कर लिया है। उसने अपने ससुराल वालों पर अपने भाई दिनेश कुमार गुप्ता की हत्या कर शव को गंगा नदी में फेंकने का भी आरोप लगाया। तत्काल कार्रवाई नहीं होने पर थाना प्रभारी के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी भी दी। एसडीपीओ ने आगे बताया कि मामले को गंभीरता से लेते हुए केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी गयी। वरीय अधिकारी के निर्देश पर मामले की जांच के लिए डीआईयू नवगछिया की एक टीम गठित की गयी। टीम ने तकनीकी अनुसंधान की मदद से 24 घंटे के अंदर दिनेश गुप्ता को एग्जीबिशन रोड, पटना से बरामद कर लिया।
पुलिस ने पूछा तो किए हैरान करने वाले खुलासे
पुलिस की पूछताछ में दिनेश ने बताया कि उसकी शादी जहांगीरपुर वैसी के शैलेश कुमार गुप्ता की बेटी नेहा कुमारी से हुई थी। शादी के वक्त दिनेश के परिवार ने उसे एमबीबीएस डॉक्टर बताया था, जबकि वह फर्जी डॉक्टर था। शादी में लड़की के परिवार ने दहेज के तौर पर 8 लाख रुपये और अन्य सामान दिया था। शादी के बाद लड़का और उसका परिवार फिर से लड़की के परिवार से 10 लाख रुपये दहेज की मांग कर रहे थे।
परिजनों के खिलाफ भी होगी कानूनी कार्रवाई
जब यह रकम नहीं मिली तो दिनेश के परिवार वालों ने साजिश रचकर उसे ससुराल भेज दिया। जहां से वह चुपचाप गायब हो गया और पटना चला गया। इधर योजना के मुताबिक उसके परिजनों ने थाने में अपहरण की प्राथमिकी दर्ज करायी। इस अपहरण की झूठी कहानी दिनेश कुमार गुप्ता एवं उसके परिजनों द्वारा साजिश के तहत रची गयी थी। एसडीपीओ ओम प्रकाश ने बताया कि इस तरह का झूठा मामला दर्ज कराने को लेकर परिजनों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जा रही है।