द फॉलोअप डेस्क
अब जातियों की पहचान नंबर से की जाएगी। इसे लेकर कोड तय किया गया है। किसकी कौन सी जाति यह अब नंबर से पता चलेगा। जाति आधारित गणना के लिए यह व्यवस्था बनाई गई है। हर जाति का अब कोड अलग-अलग अंकों में होगा। हर जाति का एक अलग कोड अंकों के रूप में होगा। जाति आधारित गणना के प्रपत्र के अलावा पोर्टल और एप पर जातियों के नाम के साथ यह विशेष अंक रहेगा। अलग-अलग समुदाय के सामान्य से लेकर अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग की जातियों के लिए कोड होगा। इस कोड या अंक का उपयोग भविष्य की योजनाएं तैयार करने, आवेदन व अन्य रिपोर्ट में किया जा सकेगा। बता दें कि यह कोर्ड बिहार राज्य में लागू किया जाएगा।
इन जातियों की यह है कोड
ब्राह्मण का कोड 128, राजपूत का 171, कायस्थ का 22 और भूमिहार का 144 है। इसी तरह बनिया का 124, कुर्मी का 25, कोइरी का 27 नंबर तय हुआ है। कुल 215 जातियों के कोड तय हुए हैं। नंबर-1 पर अगरिया जाति है और 215 पर केवानी है। यादव जाति में ग्वाला, अहीर, गोरा, घासी, मेहर, सदगोप, लक्ष्मीनारायण गोला के लिए कोड संख्या 167 है।
एप या पोर्टल से होगी निगरानी
राजधानी पटना में 12 हजार 831 गणना कर्मियों को 15 अप्रैल से 15 मई तक 73 लाख 52 हजार 729 लोगों की गणना करनी है। एक व्यक्ति की गणना एक ही स्थान से होगी। यदि कोई व्यक्ति कहीं और भी रहता है तो उससे पूछकर एक जगह से गणना की जाएगी। यदि कोई दोहराव होगा तो एप या पोर्टल उसे पकड़ लेगा। इस तरह से दोहरी प्रविष्टि की संभावना पूरी तरह खत्म हो जाएगी। इसके अलावा पांच स्तरों पर डाटा की जांच भी की जाएगी।
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