द फॉलोअप डेस्कः
बिहार में जुमई जिले के सदर अस्पताल में मानवता को शर्मसार करने वाली एक खबर सामने आई है। यहां बुधवार की सुबह शौचालय में मृत अवस्था में एक नवजात बच्ची मिली थी। सफाई कर्मियों ने इसकी सूचना अस्पताल प्रबंधन को भी दी। लेकिन अस्पताल प्रबंधन की संवेदनहीनता देखने को मिली। मृतक नवजात के शव को शौचालय से निकालने के बाद उसे स्ट्रेचर पर रखने के बजाय डस्टबिन में छोड़ दिया गया। इसके बाद जब पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी करने के लिए पुलिस पहुंची तो शव को डस्टबिन से निकालकर एक कार्टन में स्ट्रेचर पर रखा गया।
क्या है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार, नवजात का सिर शौचालय के पैन (सीट में बने गड्ढे) में फंसा हुआ था, जबकि उसके शरीर का अन्य हिस्सा बाहर की तरफ था। सफाई कर्मी द्वारा उसे बाहर निकाले जाने के दौरान सिर धड़ से अलग हो गया। इसके बाद शौचालय की सीट को तोड़कर सिर और धड़ को निकाला गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि इसके बाद सफाई कर्मियों ने सिर और धड़ को डस्टबिन में रख दिया और इसे दूसरे शौचालय में रखकर ताला लगा दिया गया।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पुलिस के आने तक शव कूड़ेदान में ही पड़ा रहा। सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डा. सैयद नौशाद अहमद का कहना है कि ऐसी कोई बात नहीं है। नवजात के शव को डस्टबिन में नहीं रखा गया है। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा हुआ है तो मामले की जांच कर संबंधित व्यक्ति पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। वहीं, नवजात की फिलहाल पहचान नहीं हो पाई है। उसे किसने और कब फेंका है इसका फिलहाल पता नहीं चल सका है।