द फॉलोअप डेस्क
मुख्तार अंसारी के बेटे और मऊ विधायक अब्बास अंसारी को हेट स्पीच मामले में मऊ कोर्ट ने दोषी ठहराये जाने के बाद शनिवार को दो साल की सजा सुनाई थी। सजा सुनाने के साथ ही अब अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता भी समाप्त कर दी गई है। विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे ने अब्बास की सीट को रिक्त बताते हुए इसकी जानकारी भारत निर्वाचन आयोग को दी है। रविवार को विशेष रूप से सचिवालय कार्यालय खोला गया और इससे सम्बंधित पत्र चुनाव आयोग को भेजा गया।
करीब तीन साल तक सुनवाई चलने के बाद शनिवार को कोर्ट ने इस पर अपना फैसला सुनाया। सजा के बाद अब्बास की सदर विधानसभा सीट को यूपी विधानसभा सचिवालय ने रिक्त घोषित कर दिया है। वहीं छह महीने के भीतर अब इस सीट पर उपचुनाव कराया जाएगा।
साल 2022 के विधानसभा चुनाव में अब्बास अंसारी ने अपने पिता मुख्तार अंसारी की जगह सुभासपा-सपा गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में मऊ सदर सीट से चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में उन्होंने जीत हासिल की थी।
मामला वर्ष 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान का है, जब मऊ के पहाड़पुरा क्षेत्र में आयोजित एक जनसभा के दौरान अब्बास अंसारी ने विवादित बयान दिया था। उन पर यह आरोप लगाया गया था कि उन्होंने अधिकारियों को सत्ता में आने के बाद "हिसाब-किताब करने" की धमकी दी थी, जिसके बाद इस आरोप को हेट स्पीच की श्रेणी में रख कर दोषी ठहरा कर दो साल की सजा सुनाई गई है। उनका यह बयान था कि “मैं सपा मुखिया अखिलेश यादव से कह कर आया हूं कि सरकार बनने के बाद छह महीने तक किसी की ट्रांसफर-पोस्टिंग नहीं होगी। जो जहां है, वहीं रहेगा। पहले हिसाब-किताब होगा, फिर ट्रांसफर।”