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लव, लिव-इन और ट्रिपल मर्डर, बिहार में छठ पर कत्लेआम की इनसाइड स्टोरी

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द फॉलोअप डेस्क
बिहार का लखीसराय 20 नवंबर को गोलियों की तड़तड़ाहट से दहल गया। छठ घाट से लौट रहे एक ही परिवार के 6 लोगों को सिरफिरे आशिक ने गोलियों से भून दिया। इस घटना में 3 लोगों की मौत हो गई। वहीं 3 लोग का इलाज अब भी जारी है। मरने वालों की पहचान दुर्गा झा, राजनंदन झा और चंदन कुमार झा के रूप में हुई है। वहीं आरोपी की पहचान आशीष के रूप में हुई है। शुरुआती जांच में मामला एक तरफा प्यार का लगा लेकिन जब पुलिस ने जांच किया तो पता चला कि आशीष तो झा परिवार का दामाद है।


'अतीत' में लिखा दुर्गा से प्यार और धोखे की कहानी
मामले को लेकर डीआईजी ने बताया कि इस वारदात का अंजाम देने वाला आशीष झा परिवार का दामाद है। आशीष का दुर्गा से प्रेम-प्रसंग चल रहा था। उसने उससे शादी को लेकर कहा था लेकिन लड़की के परिजनों ने इंकार कर दिया था और उसे बहुत कुछ कहा भी था। जिसके बाद से ही उसने कसम खा ली थी वह झा परिवार से बदला जरूर लेगा।  इस वारदात को अंजाम देने में आशीष का साथ उसके साथी उमेश साव ने दिया है। साथी उमेश को गिरफ्तार कर लिया है वहीं आशीष की तलाशी जारी है। तलाशी के दौरान जब टीम उसके घर पहुंची तो वहां हमें एक डायरी मिली। डायरी में आशीष ने उसनकी दुर्गा के साथ प्रेम कहानी और धोखे की कहानी लिखी है। इस कहानी का टाइटल 'अतीत' दिया गया। इसमें उसने पूरी कहानी बताई है कि कब उसकी दुर्गा के साथ मुलाकात हुई और कब प्यार हुआ। इसमें उसने यह भी जिक्र किया है कि उसने पटना में अपने पैसे से दुर्गा को रखा था। इसके बाद दोनों लिव-इन में रहने लगे थे। फिर दोनों ने शादी कर ली थी।  2018 में दोनों अपने-अपने घर छठ में लौटे। हालांकि इसके बाद दोनों वापस पटना लौट गए थे। 


दुर्गा का किसी और से था अफेसर
आशीष ने अपनी कहानी अतीत में आगे लिखा कि पटना के हथुआ मार्केट में तनिष्क ज्वेलर्स में दुर्गा के लगवाई। इसके बाद से उसके वर्ताव में बदलाव आने लगा। इसे लेकर मैं काफी परेशान रहने लगा। इसके बाद 3 जनवरी 2021 को मुझे पता चला कि उसकी जिंदगी में कोई सुमीत नाम का लड़का आया है। इस बात पर मुहर तब लग गई जब मैने वीडियो कॉल पर उसे एक ही बेड पर सुमीत के साथ देखा। उस वक्त उसने अपनी गलती की मांफी मागी तो मैने भी माफ कर दिया। सब ठीक चल रहा था फिर 14 मार्च 2021 को वह लखीसराय वापस लौटी। तब उसका असली चेहरा सामने आया। 


दुर्गा के परिजनों ने आशीष को दी थी गाली
आशीष ने अपनी डायरी में आगे लिखा कि शायद अब दुर्गा को मेरी जरूरत नहीं थी। वह केवल मेरी इस्तेमाल कर रही थी। मैं शांत रहने लगा। एक दिन दुर्गा के परिजनों को हमारे बारे में पता चल गया। उनलोगों ने मेरे घर पर आकर मुझे बहुत गाली दी। तब तो मैं खून का घूंट पीकर रह गया लेकिन उस वक्त सोच लिया था कि मैं बदला जरूर लूंगा। इसके बाद मैं शांत चुपचाप एक कोने पर पड़ा रहता था। डिप्रेशन से बाहर निकालने में दोस्तों ने बहुत मदद की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।  आशीष ने फिर अपने दोस्तों के साथ 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने का सोचा, ताकि भगवान के दर्शन करके मन को शांति मिले। लेकिन ऐन टाइम पर दोस्तों ने प्लान कैसिंल कर दिया। इसके बाद वह अकेले ही निकल पड़ा। 19 नवंबर को वहां से वापस लौटा लेकिन बदले की भावना अंदर घर कर अभी भी बैठी थी। जिसके बाद 20 नवंबर को उसने वारदात को अंजाम दिया। 

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