द फॉलोअप डेस्क
यूपी के रेलवे विभाग से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां दो ट्रेनें कई घंटों तक स्टेशन पर खड़ी रहीं और इस पर सवार हजारों यात्री बेहाल हुए। लोको पायलट और गार्ड के गैर-जिम्मेदारी का खामियाजा करीब हजारों यात्रियों को चुकाना पड़। दरअसल, दोनों टेनों के लोको पायलत ने ड्यूटी का समय खत्म हो जाने की बात कह गाड़ी को स्टेशन पर छोड़कर चले गए।
सहरसा से नई दिल्ली जा रही एक्सप्रेस ट्रेन को रोक भागा ड्राइवर
मामला यूपी के बाराबंकी के बुढ़वल रेलवे स्टेशन का है। जहां 02553 सहरसा-नई दिल्ली एक्सप्रेस यात्रियों को सहरसा से लेकर नई दिल्ली जा रही थी। जब सहरसा एक्सप्रेस दोपहर करीब 1 बजे बुढ़वल रेलवे स्टेशन पर पहुंची तो इसका लोको पायलट ने ट्रेन से उतरकर कहा कि ड्यूटी के 12 घंटे पूरे हो चुके हैं, ये कहकर आराम करने चले गए। ट्रेन स्टेशन पर खड़ी थी। काफी देर तक यात्रियों को कुछ समझ नहीं आया इसके बाद बाराबंकी पूछताछ केंद्र पहुंचे। पता करने पर पता चला कि ट्रेन का ड्राइवर की ड्यूटी खत्म हो गई है इसलिए वह आराम करने चला गया। यात्रियों ने जब दूसरे ड्राइवर की व्यवस्था करने को कहा तो स्टेशन मास्टर ने कोई जवाब नहीं दिया और यात्रियों की मदद करने के बजाय अपने हाथ खड़े कर दिए, जिसके बाद परेशान यात्रियों ने स्टेशन पर हंगामा शुरू कर दिया और दूसरी ट्रेन को जबरदस्ती रुकवा दिया।
यात्रियों का आरोप स्टेशन अधीक्षक ने फोन उठाना किया बंद
यात्रियों के हंगामें की खबर सुनकर मौके पर RPF, GRP और स्टेशन अधीक्षक समेत रेलवे स्टाफ के लोग पहुंचे। ट्रेन खड़े होने का कारण जान उनके होश उड़ गए। अधिकारियों के बीच हड़कंप मच गया। आनन-फानन में फिर दूसरे चालक को बुलाकर ट्रेन को भी रवाना किया गया। यात्रियों का आरोप है कि घटना के वक्त स्टेशन अधीक्षक ने उनका फोन उठाना ही बंद कर दिया था। जब उन्होंने हंगामा किया तब जाकर कुछ एक्शन लिया गया।
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