द फॉलोअप डेस्क
नौकरियों की तलाश में दूसरे प्रदेश में भटक रहे युवाओं के लिए बिहार सरकार अच्छी खबर लेकर आई है। अब राज्य के अंदर ही बड़े पैमाने पर नौकरी के मौके मिलेंगे। दरअसल, बिहार सरकार प्रदेश में निवेश और निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में बिहार राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड की 58वीं बैठक आयोजित की गई।
इस बैठक में प्रेदश में औद्योगिक विकास को गति देने के उद्देश्य से कुल 52 इकाइयों को 28,881.55 करोड़ रुपये की स्टेज-1 में सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई, जबकि 35 इकाइयों को 609.26 करोड़ रुपए की वित्तीय स्वीकृति दी गई है। वहीं, बिहार में निवेश आकर्षित करने के मकसद से राज्य सरकार पटना में 19-20 दिसंबर को निवेशक सम्मेलन 'बिहार बिजनेस कनेक्ट’ का दूसरी बार आयोजन कर रही है। इसका उद्देश्य बिहार में हाल के वर्षों में लागू की गई प्रमुख पहल, नई नीतियों, और निवेश के अनुकूल माहौल पर निवेशकों को जानकारी देना है। इसमें 80 देशों के भागीदारों के भाग लेने की उम्मीद है।
देश के विभिन्न राज्य कर रहे भ्रमण
राज्य के वरीय पदाधिकारी एवं प्रतिनिधिमंडल देश में विभिन्न राज्यों का नियमित रूप से भ्रमण कर रहे हैं, जिससे निवेशकों को बिहार में निवेश की संभावनाओं से एवं राज्य सरकार की नीतिगत पहलों से अवगत कराया जा रहा है। साथ-साथ उन राज्यों में अपनाई जा रही औद्योगिक प्रक्रियाओं एवं तकनीकों को बिहार में लागू करने की दिशा में प्रयासरत हैं।
4 हजार करोड़ की मिली आब तक स्वीकृति
आपको बता दें कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक कुल 260 इकाइयों के 4,670.07 करोड़ रुपए की स्टेज-1 सैद्धांतिक स्वीकृति दी जा चुकी है। जबकि, 161 इकाइयों को वित्तीय स्वीकृति मिल चुकी है। बैठक में सन पेट्रोकेमिकल्स प्राइवेट लिमिटेड, पिनाक्स स्टील इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड, वर्धन बिजनेस एसोसिएट्स, संजीव वूलन मिल्स (ओपीसी), एसएलएमजी बेवरेज, लीप एग्री लॉजिस्टिक्स (मधुबनी) प्राइवेट लिमिटेड, रिगल रिसोर्सेज लिमिटेड, अनमोल इंडस्ट्रीज लिमिटेड, नेचुरल्स डेयरी प्राइवेट लिमिटेड सहित अन्य कंपनियों को स्वीकृति प्रदान की गई। कहा जा रहा है कि बिहार सरकार का यह कदम राज्य के औद्योगिक परिदृश्य को बदलने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा और राज्य में रोजगार के अवसरों को बढ़ाने में मदद करेगा।